Question :

उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है-


A) गढ़वाली
B) कुमाऊँनी
C) संस्कृत
D) जौनसारी

Answer : C

Description :


उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा के रुप में संस्कृत का प्रयोग किया जाता है। उत्तराखण्ड के कुमाऊँ प्रदेश में ‘कुमाऊँनी’ तथा ‘गढ़वाल’ क्षेत्र में गढ़वाली बोली का प्रयोग होता है, जबकि जौनसार के आसपास के क्षेत्र में ‘जौनसारी’ बोली का प्रयोग होता है.


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इनमें से कौन-सी बोली मध्य प्रदेश की प्रमुख बोलियों में से नहीं है?


A) मालवी
B) बाँगरु
C) निमाड़ी
D) बुन्देली

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पारिभाषिक शब्द है-


A) जो प्रत्येक क्षेत्र में अर्थ को प्रकट करते हैं।
B) जिनकी परिभाषा या व्याख्या नहीं की जा सकती हो।
C) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट करते हैं।
D) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट नहीं करते हैं।

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'अवहट्ठ' भाषा से तात्पर्य है-


A) ग्रामीण अपभ्रंश
B) परिनिष्ठ अपभ्रंश
C) ग्रामीण प्राकृत
D) परिनिष्ठित प्राकृत

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मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल-


A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक

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जयपुरी का स्थानीय नाम है -


A) दाशार्णी
B) बागड़ी
C) ढूँढाडी
D) कुर्माज्वल

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