Question :

उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है-


A) गढ़वाली
B) कुमाऊँनी
C) संस्कृत
D) जौनसारी

Answer : C

Description :


उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा के रुप में संस्कृत का प्रयोग किया जाता है। उत्तराखण्ड के कुमाऊँ प्रदेश में ‘कुमाऊँनी’ तथा ‘गढ़वाल’ क्षेत्र में गढ़वाली बोली का प्रयोग होता है, जबकि जौनसार के आसपास के क्षेत्र में ‘जौनसारी’ बोली का प्रयोग होता है.


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लौकिक संस्कृत ________ और _________ अपभ्रंश हिन्दी भाषा का उचित विकास क्रम है। रिक्त स्थान के लिए उचित विकल्प कौन-सा है?


A) पाली, प्राकृत
B) संस्कृत, प्राकृत
C) वैदिक भाषा, पालि
D) प्राकृत, पालि

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हिन्दी उपभाषाओं को _____________ वर्गों में विभाजित किया गया है।


A) चार
B) पाँच
C) छः
D) तीन

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पारिभाषिक शब्द है-


A) जो प्रत्येक क्षेत्र में अर्थ को प्रकट करते हैं।
B) जिनकी परिभाषा या व्याख्या नहीं की जा सकती हो।
C) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट करते हैं।
D) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट नहीं करते हैं।

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भारत में भाषाओं का साहित्यिक विकास क्रम माना जाता है


A) पालि, संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश
B) संस्कृत, प्राकृत, पालि, अपभ्रंश
C) संस्कृत, अपभ्रंश, पालि, प्राकृत
D) संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश

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‘बिहारी सतसई’ किस भाषा का काव्य ग्रन्थ है?


A) ब्रजभाषा
B) खड़ी बोली
C) अवधी
D) भोजपुरी

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