Question :

उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है-


A) गढ़वाली
B) कुमाऊँनी
C) संस्कृत
D) जौनसारी

Answer : C

Description :


उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा के रुप में संस्कृत का प्रयोग किया जाता है। उत्तराखण्ड के कुमाऊँ प्रदेश में ‘कुमाऊँनी’ तथा ‘गढ़वाल’ क्षेत्र में गढ़वाली बोली का प्रयोग होता है, जबकि जौनसार के आसपास के क्षेत्र में ‘जौनसारी’ बोली का प्रयोग होता है.


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निम्नलिखित विधि के क्रियारुपों को उनकी बोली के साथ सुमेलित कीजिये-

 

(a) करो        1. अपभ्रंश

(b) करहु       2. भोजपुरी

(c) करौ        3. अवधी

(d) करा        4. बाँगरु

                   5. ब्रज

 

कूट : (a) (b) (c) (d)


A) 4 3 5 2
B) 5 1 3 4
C) 2 3 4 5
D) 1 5 2 3

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लिपि की आवश्यकता होती है-


A) भाषा बोलने में
B) भाषा लिखने में
C) भाषा संकेत में
D) तीनों में

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‘कमरा’ को खड़ी बोली में क्या कहते हैं?


A) घर में रहने का स्थान।
B) मोटी कमर।
C) एक स्थान।
D) रोयेंदार काले रंग का कीड़ा, कम्बल।

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उकार बहुला बोली मानी जाती है-


A) अवधी
B) भोजपुरी
C) बघेली
D) छत्तीसगढी

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‘अँधियार’ को खड़ी बोली में क्या कहते हैं?


A) आँधी
B) सवेरा
C) उजाला
D) अंधेरा

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