उकार बहुला बोली मानी जाती है-
A) अवधी
B) भोजपुरी
C) बघेली
D) छत्तीसगढी
Answer : D
Description :
उकार बहुला छत्तीसगढ़ी बोली मानी जाती है। अवधी की प्रथम रचना मुल्ला दाऊद 'चांदायन' मानी जाती है। सूफी कवियों में मलिक मोहम्मद जायसी तथा राम भक्त कवियों में गोस्वामी तुलसीदास, बाबा रामचरणदास, रघुनाथ आदि ने अवधी में अपनी रचनाएँ लिखी। बैजू, शम्भू आदि कवियों ने बघेली बोली में साहित्य का सृजन किया। कवि ठाकुर का विदेशिया नृत्य नाटक भोजपुरी बहुत लोकप्रिय है। 'कवि ठाकुर' को भोजपुरी बोली का सेक्सपियर भी माना जाता है।
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निम्नलिखित भाषा रुपों और उनके प्रयोक्तओं को सुमेलित कीजिये-
सूची-I सूची-II
(a) दक्खिनी 1. दामोदर पंडित
(b) कोसली 2. कुतुबशाह
(c) ब्रजबुलि 3. सरहपाद
(d) संधाभाषा 4. शंकर देव अवतरं
5. कुतुबन
कूट : (a) (b) (c) (d)
A) 1 2 3 4
B) 2 1 3 4
C) 2 3 4 5
D) 5 4 2 1
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मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल-
A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक
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अशोक के शिलालेख ब्राह्मी लिपि तथा किस भाषा में उत्कीर्ण है?
A) संस्कृत
B) पालि
C) हिन्दी
D) प्राकृत
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साकेत की भाषा में __________ का अत्यंत शिष्ट और प्रौढ़ रुप मिलता है।
A) अवधी
B) पाली
C) ब्रज
D) खड़ीबोली