‘ग्वालियर’ की बोली है-
A) बुन्देली
B) ब्रजभाषा
C) खड़ीबोली
D) कन्नौजी
Answer : A
Description :
ग्वालियर की बोली ‘बुन्देली’ है। इसके अलावा यह बोली उत्तर प्रदेश के झांसी, उरई तथा भोपाल में बोली जाती है।
अन्य विकल्प सम्बन्धित हैं-
ब्रजभाषा - वृन्दावन, आगरा, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा धौलपुर, बदायूँ, बरेली तथा आस-पास के क्षेत्र।
खड़ीबोली - देहरादून का मैदानी भाग, अम्बाला, दिल्ली, पटियाला आदि।
कन्नौजी – फर्रुखाबाद, कानपुर, उन्नाव, कन्नौज, हरदोई, पीलीभीत तक इसका क्षेत्र विस्तृत है।
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निम्नलिखित क्रिया रचना को उनके सही भाषा रुप से सुमेलित कीजिये-
(a) अयेउ 1. अवधी
(b) अइल 2. ब्रज
(c) आवा 3. अपभ्रंश
(d) आयौ 4. पालि
5. भोजपुरी
कूट : (a) (b) (c) (d)
A) 1 2 4 3
B) 3 5 1 2
C) 4 3 2 1
D) 2 3 1 5
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सुमेलित कीजिये-
भाषा रचना
(a) अवहट्ट 1. भँवरगीत
(b) ब्रजभाषा 2. प्रियप्रवास
(c) अवधी 3. कीर्तिलता
(d) खड़ी बोली 4. प्रबंध चिन्तामणि
5. मधुमालती
कूट : (a) (b) (c) (d)
A) 4 3 2 1
B) 5 4 2 3
C) 1 5 3 4
D) 3 1 5 2
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किस विद्वान ने देवनागरी लिपि के स्थान पर रोमन लिपि स्वीकार करने का सुझाव दिया था?
A) सुनीति कुमार चटर्जी
B) महात्मा गाँधी
C) काका कालेलकर
D) विनोबा भावे
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तुलसीदास की रचना 'रामचरितमानस' किस बोली की साहित्यिक रचना है?
A) ब्रज
B) अवधी
C) मैथिली
D) मगही