Question :

भारत में भाषाओं का साहित्यिक विकास क्रम माना जाता है


A) पालि, संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश
B) संस्कृत, प्राकृत, पालि, अपभ्रंश
C) संस्कृत, अपभ्रंश, पालि, प्राकृत
D) संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश

Answer : D

Description :


हिन्दी भाषा के उद्भव एवं विकास का सही क्रम-संस्कृत → पाली → प्राकृत → अपभ्रंश → शौरसेनी → पश्चिमी हिन्दी तथा खड़ी बोली है।


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पारिभाषिक शब्द है-


A) जो प्रत्येक क्षेत्र में अर्थ को प्रकट करते हैं।
B) जिनकी परिभाषा या व्याख्या नहीं की जा सकती हो।
C) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट करते हैं।
D) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट नहीं करते हैं।

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'अवहट्ठ' भाषा से तात्पर्य है-


A) ग्रामीण अपभ्रंश
B) परिनिष्ठ अपभ्रंश
C) ग्रामीण प्राकृत
D) परिनिष्ठित प्राकृत

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निम्नलिखित विधि के क्रियारुपों को उनकी बोली के साथ सुमेलित कीजिये-

 

(a) करो        1. अपभ्रंश

(b) करहु       2. भोजपुरी

(c) करौ        3. अवधी

(d) करा        4. बाँगरु

                   5. ब्रज

 

कूट : (a) (b) (c) (d)


A) 4 3 5 2
B) 5 1 3 4
C) 2 3 4 5
D) 1 5 2 3

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लिपि की आवश्यकता होती है-


A) भाषा बोलने में
B) भाषा लिखने में
C) भाषा संकेत में
D) तीनों में

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सही विकल्प बताओं-

 

भाषा संकेतात्मक है इसमें जो ध्वनियाँ उच्चारित होती हैं वे-


A) ध्वनियाँ संकेतात्मक या अप्रतीकात्मक होती है।
B) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रतीतात्मक होती है।
C) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रतीकात्मक होती है।
D) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रगीकात्मक होती है।

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