Question :
A) द्रव्यमान का ऊर्जा में परिवर्तन है
B) रासायनिक ऊर्जा का ऊष्मा-ऊर्जा में परिवर्तन है
C) यांत्रिक ऊर्जा का नाभिकीय ऊर्जा में परिवर्तन है
D) न्यूट्रॉनों का प्रोट्रॉनों में परिवर्तन है
Answer : A
परमाणु-विस्फोट में अत्यधिक ऊर्जा निकलने का कारण -
A) द्रव्यमान का ऊर्जा में परिवर्तन है
B) रासायनिक ऊर्जा का ऊष्मा-ऊर्जा में परिवर्तन है
C) यांत्रिक ऊर्जा का नाभिकीय ऊर्जा में परिवर्तन है
D) न्यूट्रॉनों का प्रोट्रॉनों में परिवर्तन है
Answer : A
Description :
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बदं कमरे की खिड़की में एक छोटा छिद्र कमरे से बाहर की वस्तुओं का कमरे की सामने की दीवार पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है, इसका कारण-
A) प्रकाश की किरण का छिद्र में प्रवेश के पश्चात् पार्श्व परिवर्तन हो जाता है
B) प्रकाश का ऋतुरेखीय संचरण (rectilinear propagation)
C) छिद्र का उत्तल लेंस (convex lens) के रुप में कार्य करना
D) छिद्र का प्रिज्म के रुप में कार्य करना
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पायरेक्स के बने गिलास में गर्म पानी डालने पर वह नहीं चटखता है क्योंकि पायरेक्स -
A) मजबूत पदार्थ है
B) गर्म करने से अधिक प्रसारित नहीं होता
C) ऊष्मा का सुचालक है
D) बाहर से और भीतर से समान रुप से प्रसारित होता है
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समुद्र के पानी का घनत्व बढ़ता जाता है जैसे- जैसे-
A) गहराई व खारापन घटता है
B) गहराई कम तथा खारापन में वृद्धि होती है
C) गहराई तथा खारापन कम होता है
D) गहराई व खारापन दोनों में वृद्धि होते हैं
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सूर्य के अलावा पृथ्वी के निकटतम तारे से प्रकाश को पृथ्वी तक आने में लगने वाला समय -
A) 4.2 सेकंड
B) 42 संकंड
C) 4.2 वर्ष
D) 42 वर्ष
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पृथ्वी की औसत त्रिज्या (R) व औसत घनत्व (d), गुरुत्व के कारण त्वतण का औसत मान (g) तथा सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (G) के आंकड़ो के अनुसार, पृथ्वी के द्रव्यमान की गणना -
A) केवल R व d को प्रयुक्त कर के हो सकती है
B) केवल G व g को प्रयुक्त कर के हो सकती है
C) g, G व g. को प्रयुक्त कर के हो सकती है
D) केवल R व G को प्रयुक्त कर के हो सकती है