Question :

परमाणु-विस्फोट में अत्यधिक ऊर्जा निकलने का कारण -


A) द्रव्यमान का ऊर्जा में परिवर्तन है
B) रासायनिक ऊर्जा का ऊष्मा-ऊर्जा में परिवर्तन है
C) यांत्रिक ऊर्जा का नाभिकीय ऊर्जा में परिवर्तन है
D) न्यूट्रॉनों का प्रोट्रॉनों में परिवर्तन है

Answer : A

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परमाणु-विस्फोट में अत्यधिक ऊर्जा निकलने का कारण -


A) द्रव्यमान का ऊर्जा में परिवर्तन है
B) रासायनिक ऊर्जा का ऊष्मा-ऊर्जा में परिवर्तन है
C) यांत्रिक ऊर्जा का नाभिकीय ऊर्जा में परिवर्तन है
D) न्यूट्रॉनों का प्रोट्रॉनों में परिवर्तन है

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लेजर के अनुप्रयोगों में से एक अनुप्रयोग नहीं है-

 

(i) होलोग्राफी

(ii) चिकित्सीय

(ii) शल्य क्रिया

(iv) नियंत्रित ताप-नाभिकीय अभिक्रियाएं

 

नीचे दिए गए संकेतों से सही उत्तर चुनिए

 


A) (i), (ii) ,(iii) व (iv)
B) (iv)
C) केवल (i) व (iii)
D) (i), (ii) व (iii)

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निम्नलिखितों में से कौन विद्तुय धारा के चुम्बकीय-प्रभाव पर आधारित नहीं है ?


A) विद्युत् पंखा
B) टेलिफोन रिसीवर
C) कार्बन माइक्रोफोन
D) डायनेमो

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स्थिर आलम्ब से लटके एक लम्बे धागे से बंधा एक छोटा पदार्थ इधर-उधर (दोलन) रहा हो, तो पदार्थ को -


A) स्थितिज ऊर्जा दोलन के मध्य में अधिकतम होगी
B) गतिज ऊर्जा दोलन के बीच अधिकतम होगी।
C) स्थितिज ऊर्जा हमेशा गतिज ऊर्जा के बराबर होगी
D) स्थितिज व गतिज ऊर्जा का कुल योग दोलन के मध्य में अधिकतम होगा।

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सूर्य में ऊर्जा के जनन की प्रक्रिया -


A) यूरेनियम का विखंडन है
B) हीलियम का संलयन है
C) हाइड्रोजन का संलयन है
D) उपरोक्त सभी प्रक्रियाओं का संयोजन है

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