Question :
A) प्रकाश की किरण का छिद्र में प्रवेश के पश्चात् पार्श्व परिवर्तन हो जाता है
B) प्रकाश का ऋतुरेखीय संचरण (rectilinear propagation)
C) छिद्र का उत्तल लेंस (convex lens) के रुप में कार्य करना
D) छिद्र का प्रिज्म के रुप में कार्य करना
Answer : B
बदं कमरे की खिड़की में एक छोटा छिद्र कमरे से बाहर की वस्तुओं का कमरे की सामने की दीवार पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है, इसका कारण-
A) प्रकाश की किरण का छिद्र में प्रवेश के पश्चात् पार्श्व परिवर्तन हो जाता है
B) प्रकाश का ऋतुरेखीय संचरण (rectilinear propagation)
C) छिद्र का उत्तल लेंस (convex lens) के रुप में कार्य करना
D) छिद्र का प्रिज्म के रुप में कार्य करना
Answer : B
Description :
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निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ को लगभग 100 K तापमान पर अतिचालक (super conductor) के रुप में काम में लाया जा सकता है ?
A) कांच
B) पारा
C) नर्म लोहा
D) सिरेमिक
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एक गेंद B1 क्षैतिज रुप से फेंकी जाती है तथा दूसरी गेंद B2 मात्र उतनी की ऊंचाई से छोड़ी जाती ताकि अनुदैर्घ्यः गिरे। यह देखा गया कि -
A) पहले B1 भूमि पर पहुंचती है
B) पहले B2 भूमि पर पहुंचती है
C) दूसरी गेंद की तुलना में B1 भूमि पर पहुंचने में दो गुना समय लेती है
D) B1 व B2 दोनों ही एक साथ भूमि पर पहुंचती है
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किसी पिंड का भार -
A) पृथ्वी पर सभी स्थानों पर एक समान होता है
B) ध्रुवों पर अधिकतम होता है
C) विषुवत रेखा पर अधिकतम होता है
D) मैदानों की अपेक्षा पहाड़ो पर अधिक होता है।
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प्राथमिक वर्ण -
A) इन्द्रधनुष के वर्ण है
B) श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम के वर्ण है
C) वे हैं जो अन्य वर्णो के मिश्रण से नहीं बनाए जा सकते
D) प्राकृतिक रुप में उपलब्ध वर्ण होते हैं
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इस्पात की गेंद पारे पर तैरती है, क्योंकि -
A) पारा सभी धात्विक गेंदों को अपने में नहीं डूबने देता
B) पारा द्रवरुपी एक धातु ही है
C) इस्पात की अपेक्षा पारे का घनत्व अधिक है
D) इस्पात की गेंद को समुचित संमजन द्वारा किसी भी द्रव पर तैराया जा सकता है