पूँजी संरचना में परिवर्तन का क्या कारण है?
A) अंशधारियों की मनोवृत्ति में परिवर्तन
B) वैधानिक परिवर्तन
C) परिवर्तनशील प्रतिभूतियों का निर्गमन
D) उपर्युक्त सभी
Answer : D
Description :
पूंजी संरचना को किसी कंपनी के इक्विटी और ऋण के संयोजन के रुप में परिभाषित किया जाता हैं जिसे कंपनी द्वारा उपयोग में लाया जाता है ताकि कंपनी के समग्र संचालन और उसके विकास के लिए वित्त प्रदान किया जा सके। किसी कंपनी के पूंजी संरचना में परिवर्तन के निम्नलिखित कारण है।
(i) अंशधारियों की मनोवृत्ति में परिवर्तन
(ii) वैधानिक परिवर्तन
(iii) परिवर्तन शील प्रतिभूतियों का निर्गमन
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निम्नलिखित में से कौन प्रबंधन के तत्त्वों में से एक नहीं है?
A) नियोजन
B) केंद्रीकरण
C) संगठन प्रक्रिया
D) आदेश
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“एक कर्मचारी का केवल एक ही मालिक होना चाहिए” इस सिद्धान्त को कहा जाता है-
A) विभागीकरण
B) आदेश की एकता
C) अदिष्ट संबंध
D) विकेन्द्रीकरण
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निम्नलिखित भूमिकाओं में से कौन सी भूमिका, प्रबंधक द्वारा निभायी गई निर्णायक भूमिकाओं की श्रेणी में नहीं आती है?
A) अव्यवस्था संचालक
B) संसाधन संभाजक
C) वार्ताकार
D) प्रवक्ता
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“एकाधिकार एवं प्रतिबंधात्मक व्यापार अधिनियम” (MRTP Act) लागू हुआ-
A) 1960 में
B) 1969 में
C) 1965 में
D) 1971 में
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प्रतिफल की आवश्यक दर, जो कि ऋण निवेश को शेयर धारकों के हितों का संरक्षण करने के लिए बनाई जानी चाहिए-
A) इक्विटी की लागत
B) ऋण की लागत
C) बरकरार रखी कमाई की लागत
D) वरीयता पूंजी की लागत