क्रिया की व्युत्पत्ति होती है-
A) धातु से
B) संज्ञा से
C) सर्वनाम से
D) विशेषण से
Answer : A
Description :
क्रिया के मूल रुप (मूलांश) को धातु कहते हैं। धातु से ही क्रिया पद का निर्माण होता है, इसीलिए क्रिया के सभी रुपों में ‘धातु’ उपस्थित रहती है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि क्रिया की व्युत्पत्ति धातु से होती है।
अन्य विकल्प सम्बन्धित हैं-
संज्ञा – किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
सर्वनाम – संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं।
विशेषण – संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं।
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निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो पक्ष के भेद का सही विकल्प हो।
अब सीता चलने लगी है।
A) प्रगातिद्योतक पक्ष
B) आरंभद्योतक पक्ष
C) पूर्णताद्योतक पक्ष
D) सातप्यद्योतक पक्ष
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निम्नलिखित वाक्यों में से किसमें प्रेरणार्थक क्रिया का प्रयोग नहीं है?
A) पिता उसे पढ़ाते हैं।
B) राम नहीं पढ़ता।
C) ये अध्यापक से पढ़वाते हैं
D) अध्यापक परिश्रम कराते हैं।
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कौन-सा संयुक्त क्रिया का भेद नहीं है?
A) अवकाशबोधक
B) निश्चयबोधक
C) नित्यताबोधक
D) नामबोधक
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“कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लजियात।
भरे भौन मैं करत हैं, नैनन ही सो बात”
उपर्युक्त दोहे में प्रयुक्त मुख्य क्रियापदों की संख्या है-
A) एक
B) दो
C) सात
D) आठ
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‘यहाँ पढ़ा नहीं जाता’ वाक्य में कौन-सा वाच्य प्रयुक्त हुआ है?
A) कर्मवाच्य
B) भाववाच्य
C) कर्तृवाच्य
D) अवधिवाच्य