Question :

‘इरखा’ को खड़ी बोली में क्या कहते हैं?


A) देखी
B) देखना
C) ये देखो
D) ईर्ष्या

Answer : D

Description :


‘इरखा’ को खड़ी बोली में ईर्ष्या कहते हैं। खड़ी बोली के कुछ विशिष्ट अव्यय उसके रुवरुप की अन्यतम विशेषता को व्यक्त करते हैं, जैसे- कद (कब), जद (जब), इब(अब), होर(और), कदी(कभी) आदि।


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भाषा के सम्बन्ध में उपचारात्मक शिक्षण का उद्देश्य है-


A) भाषा प्रयोग सम्बन्धी कठिनाइयों की पहचान तथा उनका निदान।
B) बच्चों को व्यस्त रखना।
C) बच्चों को श्रेणीवार विभक्त करना।
D) बच्चों की त्रुटियों की केवल सूची बनाना।

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‘हिन्दी भाषा का उद्गम और विकास’ के लेखक हैं-


A) डॉ. नगेन्द्र
B) रामचन्द्र शुल्क
C) हजारीप्रसाद द्विवेदी
D) डॉ.उदयनारायण तिवारी

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‘अँकुरब’ को खड़ीबोली में क्या कहते हैं?


A) अंकुरित होना
B) अकड़ना
C) नीचे गिरना
D) अंगड़ाई लेना

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निम्न में कौन-सी बोली उ.प्र. की नहीं है?


A) मेवाती
B) कन्नौजी
C) भोजपुरी
D) ब्रज

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राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?


A) बालगंगाधर तिलक
B) मुंशी आयंगर
C) बालगंगाधर खेर
D) काका साहब कालेलकर

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