Question :

नाभिकीय रियेक्टर में भारी जल (D2O) का प्रयोग किस रुप में किया जाता है?


A) मंदक
B) शीतलक
C) परिक्षक
D) नियंत्रक

Answer : A

Description :


नाभिकीय रियेक्टर में भारी जल (D2O) का प्रयोग मंदक (Moderator) के रुप में होता है।

 

ग्रेफाइट का उपयोग भी मंदक के रुप में होता है।

 

न्यूट्रॉन को अवशोषित करने वाला छड़ नियंत्रक छड़ कहलाता है यह बोरोन तथा कैडमियम का बना होता है।


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क्लोरीकरण -


A) क्लोराइड को क्लोरीन में बदलने की प्रक्रिया है।
B) अशुद्ध जल में थोड़ा-सा क्लोरीन डालना है।
C) क्लोरीन बनाने की एक रासायनिक अभिक्रिया है।
D) लवण का बनना है जिनमें क्लोरीन होती है।

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एम्पीसिलिन निम्नलिखित की तरह काम आती है-


A) प्रतिजैविक
B) शोथरोधी (anti-inflammatory)
C) मलेरियारोधी
D) कैंसररोधी

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उत्प्रेरक वह पदार्थ है जो-


A) रासायनिक अभिक्रियाओं को रोक देता है
B) रासायनिक अभिक्रिया को प्रारम्भ करने में सहायता करता है
C) रासायनिक अभिक्रियाओं की चाल (speed) को बदलता है
D) रासायनिक अभिक्रियाओं की चाल को घटाता है

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निम्नलिखित में से कौन-सी गैस ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए विशेषकर जिम्मेवार है?


A) सल्फर डाइऑक्साइड
B) कार्बन मोनो ऑक्साइड
C) हाइड्रोजन सल्फाइड
D) कार्बन डाइऑक्साइड

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रासायनिक परिवर्तन की प्रक्रिया है -


A) साधारण लवण का जल में घुलना
B) प्रभाजी आसवन से पेट्रोलियम का शोधन
C) मोटर कारों में पेट्रोल का दहन
D) पेट्रोल और एथिल ऐल्कोहॉल का मिलाना

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