Question :

मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया निम्नलिखित कहलाती है-


A) भंजक आसवन
B) प्रतिस्थापन
C) प्रभाजी आसवन
D) फिल्टरन

Answer : C

Description :


मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया को प्रभाजी आसवन कहते हैं।

 

प्रभाजी आसवन (Fractional Distillation) प्रभाजी आसवन विधि के द्वारा उन मिश्रित द्रवों का पृथक्करण किया जाता है जिसमें द्रवों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर होता है। Ex. भूगर्भ से निकाले गये खनिज तेल से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल प्रभाजी आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।


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कभी-कभी यह देखा गया है कि जब हम किसी शीशे के बर्तन में गर्म दूध या जल डालते हैं तो वह चटक जाता हैं। इसका क्या कारण है ?


A) शीशा आसानी से गर्म हो जाता है
B) खौलते हुए द्रव अधिक दाब उत्पन्न करते हैं
C) शीशा ऊष्मा का खराब चालक है
D) शीशा अधातु होता है

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ग्रामीण विद्युतीकरण तथा घरेलू खाने पकाने के लिए सबसे उपयुक्त और सस्ता साधन है -


A) बायोगैस
B) परमाणु ऊर्जा
C) बिजली
D) पवन चक्की

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फ्लिंट (flint) कांच में होता है-


A) बोरेक्स
B) सोडियम कार्बोनेट की अधिकता
C) हाइड्रोफ्लूओरिक अम्ल
D) लेड क्रोमेट

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भोजन में लवणों की मुख्य भूमिका है -


A) खाद्य सामग्री को स्वादिष्ट बनाना
B) थोड़ी मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाना जो कि भोजन के पाचन में सहायक होता है
C) खाना बनाने के प्रक्रम को सरल बनाता है
D) खाद्य पदार्थो की जल में घुलनशीलता को बढ़ाता है

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एक परमाणु द्रव्यमान को व्यक्त किया जाता है-


A) कि.ग्रा.में
B) ग्राम में
C) ए.एम.यू.में
D) केरेट में

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