मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया निम्नलिखित कहलाती है-
A) भंजक आसवन
B) प्रतिस्थापन
C) प्रभाजी आसवन
D) फिल्टरन
Answer : C
Description :
मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया को प्रभाजी आसवन कहते हैं।
प्रभाजी आसवन (Fractional Distillation) प्रभाजी आसवन विधि के द्वारा उन मिश्रित द्रवों का पृथक्करण किया जाता है जिसमें द्रवों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर होता है। Ex. भूगर्भ से निकाले गये खनिज तेल से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल प्रभाजी आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।
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रासायनिक रुप में सफेद स्पीरिट है-
A) पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बनों का मिश्रण
B) शोधित एथानॉल
C) परिशुद्ध इथाइल ऐल्कोहॉल
D) विकृतीकृत ऐल्कोहॉल
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प्रतिरक्षी (एन्टीबॉडी) नाम निम्नलिखित को दिया गया है-
A) हानिकारक जीवाणु
B) जहरीले पदार्थ
C) संक्रमणकारी विषाणु
D) रक्त में निर्मित पदार्थ जो हानिकारक जीवाणु के आक्रमण का संदमन (inhibit) करते हैं या उन्हें नष्ट करते हैं
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शरीर में टीके द्वारा दवा देने के लिए अधस्त्वक् सिरिंज (hypodermic syringe) को रोगाणुरहित (sterlize) करने का उत्तम तरीका है -
A) इसका ऐल्कोहॉल में थोड़ी देर के लिए छोड़ देना।
B) इसको एल्कोहॉल और जल के मिश्रण से साफ करना।
C) जल में उबालना।
D) प्रेशर कुकर के अन्दर जल में उबालना
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रासायनिक तौर पर जल है-
A) एक हाइड्राइड
B) एक ऑक्साइड
C) एक हाइड्रोक्साइड
D) एक पेरोक्साइड