मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया निम्नलिखित कहलाती है-
A) भंजक आसवन
B) प्रतिस्थापन
C) प्रभाजी आसवन
D) फिल्टरन
Answer : C
Description :
मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया को प्रभाजी आसवन कहते हैं।
प्रभाजी आसवन (Fractional Distillation) प्रभाजी आसवन विधि के द्वारा उन मिश्रित द्रवों का पृथक्करण किया जाता है जिसमें द्रवों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर होता है। Ex. भूगर्भ से निकाले गये खनिज तेल से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल प्रभाजी आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।
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ग्लूकोज के किण्वन का अंतिम उत्पाद है -
A) CO2 तथा CH3OH
B) CO तथा ऐल्कोहॉल
C) CO2 तथा H2O
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जीवित तंत्रों के अध्ययन से संबंधित रसायन की शाखा का नाम है-
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C) जैविक रसायन
D) अकार्बनिक रसायन
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जिस पात्र में रखा जाए उसी का आकार ग्रहण कर लेने वाला द्रव्य कहलाता है-
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B) तरल (fluid)
C) गैस
D) ठोस
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किसी तत्व का परमाणु भार 35 है तथा 18 इलेक्ट्रॉन है, तो उस तत्व में प्रोटॉनों की संख्या होगी-
A) 17
B) 18
C) 20
D) 15
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इनमें से कौन सही है?
A) pH = log 1/[H+][OH-]
B) pH = log [H+]
C) pH = -log [H+][OH-]
D) pH = -log[H+]