Question :

मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया निम्नलिखित कहलाती है-


A) भंजक आसवन
B) प्रतिस्थापन
C) प्रभाजी आसवन
D) फिल्टरन

Answer : C

Description :


मिश्रण के घटकों के क्वथनांकों की भिन्नता का उपयोग करते हुए किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की प्रक्रिया को प्रभाजी आसवन कहते हैं।

 

प्रभाजी आसवन (Fractional Distillation) प्रभाजी आसवन विधि के द्वारा उन मिश्रित द्रवों का पृथक्करण किया जाता है जिसमें द्रवों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर होता है। Ex. भूगर्भ से निकाले गये खनिज तेल से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल प्रभाजी आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।


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ऊर्जा का अ-परम्परागत स्त्रोत है


A) कोयला
B) यूरेनियम
C) पेट्रोलियम
D) सौर

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हाइड्रोजन सल्फाइड अथवा हाइड्रोजन क्लोराइड की तुलना में जल का क्वथनांक असामान्य रुप से अधिक होने का कारण है-


A) वांडर-वॉल्स (vander-waal’s) बल
B) ध्रुवीय सहसंयोजक आबंधन (bonding)
C) द्विध्रुव रोधन (dipole insulation)
D) हाइड्रोजन आबंधन

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निम्नलिखित के ऐसीटिलीकरण (acetylation) से हेरोइन बताई जा सकती है-


A) रिसर्पीन
B) मॉर्फीन
C) सेलिसिलिक अम्ल
D) कुनैन (क्वीनीन)

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कॉनटेक्ट प्रक्रिया (contact process) में सल्फर डाइऑक्साइड को सल्फर ट्राइऑक्साइड में परिवर्तित करने की अभिक्रिया कहलाती है-


A) ऊष्माशोषी
B) अनुत्क्रमणीय
C) ऊष्माक्षेपी
D) अपचयन

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निम्नलिखित प्रतिदर्शों में से किसमे परमाणुओं की संख्या सबसे अधिक होती है?


A) 1.og पानी H2O
B) 1.og ब्यूटेन C4H10
C) 1.og नाइट्रोजन N2
D) 1.og रजत Ag

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