Question :

मृदा की उर्वरता की ह्रास का कारण हैः


A) लवणता एवं क्षारीयता
B) मृदा में नमी का अभाव
C) मृदा अपरदन
D) ये सभी

Answer : D

Description :


मृदा में लवणता एवं क्षारीयता की अधिकता के कारण उर्वरा शक्ति का ह्रास होता है। इस प्रकार की मृदा में करनाल, कैथल, पानीपत, रोहतक, भिवानी एवं हिसार आदि जिले आते हैं। मृदा में नमी के अभाव के कारण मृदा का अपरदन बढ़ता है। फलतः मृदा की उर्वरा शक्ति का ह्रास होता है। पश्चिमी हरियाणा लगभग इसी समस्या से जूझ रहा है।


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हरियाणा के मैदानी भाग में मुख्यतः किस प्रकार की मृदा पाई पाजी हैं?


A) पीले-भूरे रंग की उपजाऊ मृदा
B) पथरीली मृदा
C) रेतीली मृदा
D) बलुई दोमट मृदा

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भारी तथा बहुत भारी मृदाओं के सम्बन्ध में निम्न कथनों पर विचार करें।

 

(i) ये मृदाएँ कम सुप्रवाहित तथा कम पारगम्य होती हैं

(ii) इनमें जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है   


A) केवल (i)
B) केवल (ii)
C) (i) और (ii)
D) न तो (i) और न ही (ii)

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क्षेत्रफल की दृष्टि से हरियाणा देश का कौन-सा राज्य है?


A) 20 वाँ
B) 21 वाँ
C) 22 वाँ
D) 25 वाँ

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उर्दू साहित्य अकादमी द्वारा उर्दू के क्षेत्र में कौन-सा पुरस्कार प्रदान किया जाता है?


A) मिर्जा गालिब पुरस्कार
B) हाली पुरस्कार
C) उर्दू साहित्य रत्न
D) इनमें से कोई नहीं

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किस जिले के जाटों पर आर्य समाज का प्रभाव अधिक था?


A) करनाल
B) रोहतक
C) भिवानी
D) झज्जर

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