रोहतक में पंडित रामभज दत्त की अध्यक्षता में सम्मेलन का आयोजन कब हुआ था, जिसमें गाँधीजी के असहयोग आंदोलन को कार्य रुप देने का निर्णय लिया गया था?
A) जनवरी, 1919 में
B) नवम्बर, 1919 में
C) नवम्बर, 1920 में
D) सितम्बर, 1921 में
Answer : C
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रोहतक में पंडित रामभज दत्त की अध्यक्षता में सम्मेलन का आयोजन नवम्बर 1920 में हुआ था, जिसमें गाँधीजी के असहयोग आन्दोलन को मूर्त रुप देने का निर्णय हुआ। चूँकि इससे पहले रॉलेट एक्ट नामक कुख्यात कानून पास हो चुका था। जिसके विरोध की परिणति में जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हो चुका था। तथा इस घटना को ब्रिटिश सरकार द्वारा सही भी ठहराया जा चुका था, से आहत होकर असहयोग आन्दोलन करने का विचार आया था।
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पेहोवा से प्राप्त किसके अभिलेख से ज्ञात होता है कि पेहोवा घोड़ों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था?
A) पृथ्वीराज द्वितीय
B) भोजदेव
C) विग्रहराज
D) सम्राट अशोक
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कौन-सा जिला दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित धारुहेड़ा में कई उद्योग विकसित होने से इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के रुप में उभर रहा है?
A) कैथल
B) जींद
C) महेन्द्रगढ़
D) रेवाड़ी
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निम्नलिखित में से कौन-सी योजना हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा आरंभ नहीं की गई है?
A) ग्रामीण आवास योजना
B) ग्रामीण भण्डारण योजना
C) इन्दिरा आवास योजना
D) पशुगृह योजना
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‘वीर चक्र’ प्राप्त सैनिकों को कितनी राशि प्रदान की जाती है?
A) 5 लाख
B) 10 लाख
C) 12 लाख
D) 15 लाख
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वर्ष 1965 में किसने पंजाबी सूबे की स्थापना हेतु मरणव्रत की घोषणा की?
A) फतेह सिंह
B) मास्टर तारा सिंह
C) प्रताप सिंह कैरो
D) गोपीचन्द्र भार्गव