Question :

किस ग्रन्थ के अनुसार प्रभाकरवर्द्धन की मुत्यु होने पर रानी यशोमती राजा की चिता में स्वयं को समर्पित कर सती हो गई?


A) मेघदूतम्
B) हर्षचरितम्
C) मालविकाग्निमित्रम्
D) राजतरंगिणी

Answer : B

Description :


प्रभाकरवर्द्धन थानेश्वर का राजा था, जो पुष्यभूति वंश का था। यह छठी शताब्दी के अंत में राज करता था। अपने पड़ोसी राज्यों, मालवा, उत्तर-पश्चिमी पंजाब के हुणों तथा गुर्जरों के साथ युद्ध करके प्रभाकरवर्द्धन ने काफी प्रतिष्ठा अर्जित की थी। इसकी मृत्यु 604 ई. में हो गई। हर्षचरितम में यह उल्लेखित है कि इनकी पत्नी यशोमती ने भी अपने पति की चीता में स्वयं को समर्पित कर सती हो गई थी।


Related Questions - 1


रेवाड़ी में किसकी छत्रछाया में चित्रकला को प्रोत्साहन मिला?


A) रावों की
B) परमारों की
C) राजपूतों की
D) यादवों की

View Answer

Related Questions - 2


‘अमरसेन-चरित्र’ खंड काव्य किसने लिखा?


A) ईशदास
B) बाणभट्ट
C) हरद्वारी लाल
D) माणिक्य राज

View Answer

Related Questions - 3


बसन्तूर गाँव कहाँ बसा है?


A) छछरौली
B) गुहला
C) खेड़ी गुज्जर
D) इनमें से कोई नहीं

View Answer

Related Questions - 4


रोहतक नगर की स्थापना किसने की थी?


A) शरफाबाद
B) छज्जू
C) रोहताश भ्रूम
D) इनमें से कोई नहीं

View Answer

Related Questions - 5


जब जनरल वान कोर्टलैण्ड सेना सहित हिसार-सिरसा की तरफ गया, तो उसका रास्ते में मुकाबला किसने किया?


A) नूर मोहम्मद खाँ
B) मंगल खाँ
C) तुलाराम
D) हुसैन खाँ

View Answer