निम्नलिखित में से किसे ‘धन का उपयोग’ के रुप में माना जा सकता है?
A) लेनदारी लेखे में कमी
B) नकदी में कमी
C) देनदारी लेखे में वृद्धि
D) नकदी में वृद्धि
Answer : D
Description :
रोकड़ में वृद्धि को ‘धन के उपयोग’ के रुप में माना जा सकता है।
रोकड़ प्रवाह शब्द का तात्पर्य किसी कम्पनी में और उसके बाहर रोकड़ और रोकड़ समकक्षों की शुद्ध राशि से है। प्राप्त रोकड़ ‘प्रवाह’ का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि खर्च किया गया धन ‘बहिर्वाह’ का प्रतिनिधित्व करता है। रोकड़ में वृद्धि यह इंगित करना है कि एक कम्पनी की तलर संपत्ति बढ़ रही है जिससे दायित्वों को कवर करने, व्यवसाय में पुनर्निवेश, शेयरधारकों को पैसा लौटाने खर्चों का भुगतान करने और भविष्य की वित्तीय चुनौतियों के लिए एक रिजर्व बना रहेगा।
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चालू अनुपात माप है:
A) अल्पकालीन शोधन क्षमता
B) लाभप्रदता
C) विनियोगों पर आय
D) कुछ नहीं
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किसी समस्या को हल करने के लिये, कार्यविधि की पहचान करने और चुनने की प्रक्रिया कहलाती है-
A) निर्णयन
B) योजना
C) आयोजन
D) समन्वय
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संगठन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, योजनाओं और कार्यनीतियों को लागू करने हेतु __________ जिम्मेदार हैं।
A) मध्यम स्तर के प्रबंधक
B) अग्रपंक्ति पर्यवेक्षक
C) अधिकारी
D) तकनीकी पर्यवेक्षक
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संस्था की पूँजी संरचना को प्रभावित करने वाला आन्तरिक तत्व है-
A) व्यवसाय का आकार
B) पूँजी निर्गमन की लागत
C) करारोपण
D) सरकारी कानून
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नीचे दिए गए व्यक्तित्व को कार्य के प्रकार के साथ मिलाएं।
व्यावसायिक प्ररुपविज्ञान | व्यक्तित्व |
1. यथार्थवादी | A. कल्पनाशील, आदर्शवादी, भावनात्मक |
2. कलात्मक | B. विश्लेषणात्मक, जिज्ञासु, स्वतंत्र |
3. अन्वेषी | C. अनुरुप, कुशल, अनम्य |
4. पारम्परिक | D. शर्मीला, व्यवहारिक, स्थिर |
कूट : 1, 2, 3, 4
A) D, A, B, C
B) A, B, C, D
C) C, B, D, A
D) B, C, A, D