Question :

यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?


A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना

Answer : C

Description :


ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।


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1937 के बिहार विधान सभा चुनाव कुल कितने जगहों पर हुई थी?


A) 152
B) 171
C) 121
D) 172

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बिहार के सारण प्रमंडल में जिलों की सही संख्या कितनी है?


A) 2
B) 4
C) 3
D) 5

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भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उत्तरी बिहार नेपाल की सीमा पर किसने छापामार संघर्ष का नेतृत्व किया था?


A) जगत नारायण
B) सुभाषचन्द्र बोस
C) ध्रुव कुमार
D) जय प्रकाश नारायण

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बिहार राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व (व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.) किस जिले की है।


A) पटना
B) दरभंगा
C) वैशाली
D) सारण

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बिहार में किस स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1922 का अधिवेशन था?


A) हरिपुरा
B) पटना
C) गया
D) रामगढ़

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