यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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बिहार में ब्रिटिश-विरोधी संघर्ष के दौरान फ्रेडरिक ऐंग्लिस ने किसकी छापामार युद्ध की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है?
A) कुँवर सिंह तथा अमर सिंह
B) विलायत अली तथा पीस अली
C) प्रबल शाही
D) सुजान सिंह
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13 अगस्त, 1942 को कहाँ झंडा फहराने के क्रम में 13 वर्षीय बालक ध्रुव कुमार की मृत्यु पुलिस की गोली से हुई थी?
A) कटिहार
B) गोपालगंज
C) पटना
D) गया
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भागलपुर में एक आजाद दस्ते का गठन किसने किया था?
A) सियाराम सिंह
B) रामदयालु सिंह
C) जयप्रकाश नारायण सिंह
D) दीप नारायण सिंह
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अंग्रेजों ने 1620 में बिहार में सर्वप्रथम कहाँ अपनी व्यापारिक केन्द्र स्थापित करने का प्रयास किया था ?
A) आलमगंज (पटना)
B) मुंगेर
C) पूर्णिया
D) मनेर (पटना)
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राज्यपाल की पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता या अहर्ता क्या होना चाहिए?
A) वह रत काभा नागरिक हो
B) पैतींस वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो
C) वह लाभ के किसी पद पर आसीन नहीं हो
D) उपर्युक्त सभी