यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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बिहार राज्य में सर्वाधिक साक्षरता किसकी है?
A) ग्राणीण महिलाएँ
B) नगरीय पुरुष
C) नगरीय महिलाएँ
D) ग्रामीण पुरुष
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को पुरस्कार मिले हैं?-
A) एन. डी. टी. वी. पॉलिटिशियन ऑफ द इयर 2009
B) इंडियन ऑफ द इयर 2008
C) बिजनेस रिफार्मर द इयर 2009
D) उपर्युक्त सभी
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बिहार राज्य के किस आंदोलन को ‘दूसरी जंग-ए-आजादी’ कहा गया था?
A) आरक्षण आंदोलन
B) संपूर्ण क्रांति
C) 1975 के छात्र आंदोलन
D) नक्सलवाद आंदोलन
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बिहार के नालंदा जिला में प्रस्तावित जैविक खाद्य कारखाना किस जगह पर स्थित है?
A) हरनौत
B) एकगरसराय
C) अस्थावाँ
D) चंडी
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रयत्नों से किस वर्ष बिहारी स्टूडेंट्स कॉन्फ्रेस स्थापित हुई थी?
A) 1904 ई.
B) 1905 ई.
C) 1906 ई.
D) 1907 ई.