Question :

यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?


A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना

Answer : C

Description :


ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।


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बिहार में कृषि का स्वरुप है-


A) व्यावसायिक
B) जीवनदायी
C) निर्यातोन्मुखी
D) आत्मानिर्भर

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सन् 2011 के जनगणना के अनुसार बिहार में पुरुष साक्षरता दर है-


A) 54.3%
B) 73.39%
C) 67.9%
D) 52.5%

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बिहार के हाजीपुर में स्थित पूर्व मध्य रेलवे की स्थापना कब हुई थी?


A) 8 दिसम्बर, 1998 को
B) 8 नवम्बर, 1997 को
C) 8 सितम्बर, 1996 को
D) 8 सितम्बर, 1997 को

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बिहार कौमी सेवक दल की स्थापना कब हुई थी?


A) 27 नवम्बर, 1921 को
B) 27 नवम्बर, 1922 को
C) 27 नवम्बर, 1924 को
D) 27 नवम्बर, 1923 का

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अक्टूबर-नवम्बर 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने वाले राजद गठबंधन में कौन-कौन-से दल शमिल हुए थे?


A) राजद एवं लोजपा
B) राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, राकांपा
C) राजद, कांग्रेस, बसपा, राकांपा, समाजवादी पार्टी
D) राजद, लोजपा, कांग्रेस

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