Question :

यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?


A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना

Answer : C

Description :


ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।


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बिहार में प्रवाहित होने वाली नदियों में से कौन छोटानागपुर के पठारी भाग से निकलती है?


A) पुनपुन
B) फल्गु
C) बराकर
D) कमला

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बिहार में अधिष्ठापित विद्युत क्षमता का मुख्य स्रोतक्या है?


A) जल विद्युत
B) परमाणु विद्युत
C) ताप विद्युत
D) नवीकरणीय ऊर्जा

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बिहार के लिए सर्वाधिक प्राचीन साहित्यिक स्रोत कौन है?


A) अथर्ववेद
B) आरण्यक
C) उपनिषद्
D) सामवेद

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मगध के शासक अजातशत्रु ने किसके आक्रमणों के प्रतिरोध में गंगा और सोन के संगम पर अवस्थित पाटलिग्राम को सुरक्षित तथा किलों को सुसज्जित किया जो आगे चलकर पाटलिपुत्र नगर बना ?


A) यूनानियों के
B) डेमेट्रियस के
C) वैशाली के वृज्जियों के
D) अंग शासकों के

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बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या गठन किया गया है?


A) राज्य निवेश प्रोत्साहन पार्षद
B) बिहार आधारभूत संरचना विकास प्राधिकरण
C) उपर्युक्त दोनों
D) इनमें से कोई नहीं

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