यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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बिहार राज्य में डी. एम. जी. कृष्णैया हत्याकाण्ड की घटना कब घटी थी?
A) दिसम्बर 1991 में
B) दिसम्बर 1992 में
C) दिसम्बर 1993 में
D) दिसम्बर 1994 में
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मगध महाजनपद की राजधानी कहाँ थी?
A) गिरिव्रज (राजगीर)
B) पाटलिपुत्र (पटना)
C) गया
D) चंपा
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नालंदा विश्वविद्यालय की सर्वप्रथम किसने पहचान की थी?
A) अलेक्जेंडर कनिंघम ने
B) विलियम बैंटिक ने
C) मार्टिमर ह्रीलर ने
D) विलियम जोंस ने
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मुगल प्रांत बनने के उपरांत बिहार का गवर्नर कौन बना था?
A) शुज्जात खां
B) मिर्जा अजीज कोकलतास
C) मानसिंह
D) सईदखान
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निम्न में से कौन-सा महाजनपद वर्तमान बिहार के क्षेत्र में स्थित नहीं था?
A) अंग
B) वज्जि
C) वत्स
D) मगध