यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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BOT व्यवस्था के अंतर्गत बिहार राज्य में किस क्षेत्र के विकास के लिए निवेश आमंत्रित किया जाता है?
A) सड़क
B) विद्युत
C) संचार
D) रेल परिवहन
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पटना नगर की पूर्वी सीमा पर स्थित माससलामी मुहल्ला किसलिए प्रसिद्ध था?
A) चुंगी
B) मंदिर
C) मस्जिद
D) शिक्षा
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बिहार के उत्तरी भाग में 32 किलोमीटर लम्बी रामनगर दून की पहाड़ियाँ है, इसकी चौड़ाई कितनी है?
A) 6-8 किलोमीटर
B) 9-10 किलोमीटर
C) 8-16 किलोमीटर
D) 10-18 किलोमीटर
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बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में भाग लेने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग अर्थात् एन.डी.ए.) में कौन-कौन-से दल थे?
A) भाजपा, समतापार्टी, जनदादल यूनाइटेड
B) जनता दल, यूनाइटेड भाजपा
C) भाजपा, जदयू, बिहर पीपुल्स पार्टी
D) जनता दलयू, समाजवादी पार्टी, भाजपा
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बिहार में औषधि निर्माण उद्योग कहाँ अवस्थित है?
A) रामपुर, मुजफ्फरपुर
B) नारायणपुर, मुजफ्फरपुर
C) सुरसंड, सीतामढ़ी
D) रुन्नी सैदपुर, सीतामढ़ी