यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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भारत की प्रथम राजधानी होने का श्रेय किसे प्राप्त है?
A) वैशाली को
B) पावापुरी को
C) पाटलिपुत्र को
D) बोधगया को
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बिहार में अंतिम बार लागू की गई राष्ट्रपति शासन की अवधि 7 मार्च 2005 से 24 नवम्बर 2005 तक थी। इस राष्ट्रपति शासन के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है?
A) यह बिहार में अब तक लागू रहे राष्ट्रपति शासनों में सबसे अधिक अवधि की राष्ट्रपति शासन थी।
B) बिहार में यह आठवीं बार लागू की गई राष्ट्रपति शासन थी।
C) यह राष्ट्रपति शासन 13वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के उपरांत लगाया गया।
D) इस राष्ट्रपति शासन की पूरी अवधि तक बूटा सिंह राज्यपाल नहीं रहे थे।
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बिहार राज्य में वर्ष ‘2002’ को घोषित किया गयाः
A) बाल शिक्षा वर्ष
B) महिला साक्षरता वर्ष
C) पर्यटन वर्ष
D) विद्यालयों में नामांकन वर्ष
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बिहार राज्य में ईख की उत्पादकता क्या है?
A) 65 टन प्रति हेक्टेयर
B) 60 टन प्रति हेक्टेयर
C) 53 टन प्रति हेक्टेयर
D) 46 टन प्रति हेक्टेयर
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बिहार का वह जिला जिसकी सीमा नेपाल एवं उत्तर प्रदेश दोनों को स्पर्श करती है?
A) गोपालगंज
B) पश्चिमी चम्पारण
C) पूर्वी चम्पारण
D) सीतामढ़ी