यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?
A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना
Answer : C
Description :
ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।
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‘चामरग्राही यक्षिणी’ की मूर्ति जो पटना संग्रहालय में सुरक्षित है, किस स्थान से प्राप्त हुई थी?
A) दीदारगंज से
B) सुल्तानगंज से
C) कुम्हार से
D) वैशाली से
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बिहार राज्य में बहुचर्चित ‘गंगाजल’ की घटना कब घटी थी?
A) 1980 में
B) 1981 में
C) 1982 में
D) 1983 में
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बिहार राज्य में कौन-सी कल्याणकारी योजनाएँ चलाई जा रही है-
A) बिहार राज्य निःश्क्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
B) व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना
C) मुख्यमंत्री श्रमशक्ति योजना
D) उपर्युक्त सभी
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चीनी यात्री इत्सिंग बिहार का भ्रमण कब किया था ?
A) 405 ई. में
B) 635 ई. में
C) 673 ई. में
D) उपर्युक्त में कोई नहीं