Question :

यदि नील की खेती करने से छूट चाहते, तो नील के किसानों को कौन-सी क्षतिपूर्ती कर देना पड़ता था?


A) बट्टा
B) जजिया
C) तवान
D) नज़राना

Answer : C

Description :


ब्रिटिश प्रशासन और जमींदारों ने "तीन कठिया" प्रणाली की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत एक बीघा में तीन कट्ठा भूमि नील की खेती के लिए आरक्षित थी। किसानों को नील की खेती की लागत उठानी पड़ी और ब्रिटिश खेतमालिक किसानों की क्षतिपूर्ति किए बिना ही उपज रख लेते थे। इतना ही नहीं, उन पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से उनका भी शोषण किया गया। मारवा और सगोरा जैसे कारखानों में नील देने के दौरान किसानों को कई करों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन किसानों से 'तवान' नामक क्षतिपूर्ति कर देना होता था।


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बिहार के सारण प्रमंडल में जिलों की सही संख्या कितनी है?


A) 2
B) 4
C) 3
D) 5

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बिहार में पहली बार राष्ट्रपति शासन कब लगाया गया था?


A) 4 जुलाई 1969
B) 29 जून 1968
C) 9 जनवरी 1972
D) 30 अप्रैल 1977

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बिहार के किस जिले में अभ्रक पाया जाता है?


A) नवादा
B) गया
C) जमुई
D) उपरोक्त सभी

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बिहार में धातु प्रस्तरयुगीन अवशेष कहाँ से मिले हैं?


A) चिरांद (छपरा से
B) चेचर (वैशाली) एवं सोनपुर से
C) मनेर से
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भूगर्भिक काल में गंगा का मैदान एक सागर था, उसका नाम क्या है?


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B) टेथिस सागर
C) हिमालय सागर
D) सोमेश्वर सागर

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