चाँद एवं मुण्ड जो चण्डेश्वरी एवं मुण्डेश्वरी नामक मंदिरों से जुड़े हैं। ये संबंधित है ?
A) शाहाबाद के चेरो से
B) भोजपुर के उज्जैनी से
C) मुंगेर के पाल से
D) तिरहुत के कर्नाट से
Answer : A
Description :
पालवंश के पतन के पश्चात् बिहार में बहुत से जनजातीय राज्यों का उदय हुआ, जिनमें चेरो राज्य प्रमुख था। इन्होंने शाहाबाद, सारण, चम्पारण एवं मुजफ्फरपुर एवं पलामू (झारखंड) जिलों में शक्तिशाली राज्य की आधारशिला रखी एवं लगभग 300 वर्षों तक एक शक्तिशाली राजवंश के रूप में बने रहे। शाहबाद जिले में चेरो के चार राज्य थे। धुधीलिया नामक चेरो सरदार का मुख्यालय बिहियाँ था। दूसरा राज्य भोजपुर था, जिसका मुख्यालय तिरावन था। तीसरे राज्य का मुख्यालय चैनपुर था। देव मार्केण्डे चौथे राज्य का मुख्यालय था। राजा फूलचन्द देव मार्कण्डे का राजा था एवं इसे ही जगदीशपुर के मेले को शुरू करने का श्रेय है। बाद में चैनपुर राज्य के कुछ भाग पर बाघामल नामक चेरो सरदार का कब्जा हो गया, जिसके दो बेटे चाँद एवं मुंड इस क्षेत्र के चंडेश्वरी एवं मुंडेश्वरी नामक मन्दिरों की लोक-कथाओं से जुड़े हैं।
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प्रसिद्ध बौद्ध सारिपुत्र का जन्म कहां हुआ था ?
A) नालन्दा
B) गया
C) पाटलिपुत्र
D) वैशाली
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बेरोजगारी से मुक्त कराने के लिए कल्याण विभाग के निर्देश पर बिहार राज्य के किस जिले में एक महत्त्वाकाक्षी योजना ‘ऑपरेशन रोजगार’ चलाया जा रहा है?
A) सारण
B) सीवान
C) गोपालगंज
D) बेगूसराय
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बिहार में ब्रिटिश सत्ता का सर्वप्रथम विरोध किसने किया था ?
A) कुंवर सिंह ने
B) अलीवर्दी खां ने
C) अली गौहर ने
D) मीर कासिम ने
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बिहार के किस भाग को भांगर मिट्टी का क्षेत्र कहते हैं?
A) गया, नालंदा, बोधगया, व सासाराम का क्षेत्र
B) पूर्णिया, सहरसा, दरभंगा एवं मुजफ्फरपुर का क्षेत्र
C) पटना, नालंदा, नवादा एवं गया का क्षेत्र
D) गोपालगंज, छपरा, सीवान