Question :
A) स्वामी विवेकानंद का भाषण सुन कर उपहास उड़ाने वाले अमरीकियों पर घड़ों पानी पड़ गया।
B) बाजार का साप्ताहिक अवकाश सोमवार को रहता है।
C) वह दुखी स्त्री वैधव्यता का जीवन बिता रही है।
D) मैं सपरिवार सानन्दित हूँ।
Answer : A
एक वाक्य शुद्ध है-
A) स्वामी विवेकानंद का भाषण सुन कर उपहास उड़ाने वाले अमरीकियों पर घड़ों पानी पड़ गया।
B) बाजार का साप्ताहिक अवकाश सोमवार को रहता है।
C) वह दुखी स्त्री वैधव्यता का जीवन बिता रही है।
D) मैं सपरिवार सानन्दित हूँ।
Answer : A
Description :
निम्न विकल्पों में शुद्ध वाक्य - स्वामी विवेकानंद का भाषण सुन कर उपहास उड़ाने वाले अमरीकियों पर घड़ों पानी पड़ गया।
शेष विकल्पों का शुद्ध वाक्य –
सोमवार को बाजार की साप्ताहिक बन्दी रहती है।
वह स्त्री वैधव्यता का जीवन बिता रही है।
मैं सपरिवार आनन्दित हूँ।
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‘मैं यह काम नहीं किया हूँ।’ इस वाक्य का शुद्ध रुप लिखिए।
A) मैंने सिर्फ यही कार्य नहीं किया है।
B) मैंने यह काम नहीं किया है।
C) मैं यह काम कर चुका हूँ।
D) मैं यही काम नहीं किया।
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विकल्पों में वर्णित वाक्यों में से सही वाक्य का चयन करें?
A) खेल-कूद को शिक्षा के अनिवार्य अंग मान महत्व दिया जाता है।
B) क्रिकेट, टेनिस या कोई भी खेल को खेलने से हमारा शरीर तो चुस्त और तंदरुस्त बनता है।
C) समाज में खिलाड़ियों को आदल प्रदान किया जाता है।
D) शरीर को स्वस्थ रखने का एक ही साधन खेल भी है।
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इनमें से कौन-सा वाक्य अशुद्ध है?
A) हर एक खिलाड़ी मैदान में पहुँच गए।
B) सड़क पर बहुत भीड़ है।
C) अध्ययन के लिए अच्छी पुस्तकें आवश्यक हैं।
D) साहित्य और संस्कृति का गहरा संबंध है।
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निर्देश (प्रश्न सं. 165 से 167 तक) : दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटिया हैं और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियां हों, उसके अनुरुप अक्षर वाले गोलाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो कोई त्रुटि नहीं वाले अक्षर के गोलाकार खाने को पूरी तरह काला करें।
A) कोई त्रुटि नहीं
B) कुत्तों के जाने की
C) झाड़ियों में बैठी बिल्ली
D) प्रतीक्षा कर रही थी