‘उसने संतोष का साँस ली।’ वाक्य का शुद्ध रुप क्या होगा?
A) उसने संतोष के सांस लिए।
B) उसने संतोष की सांस लिए।
C) उसने संतोष को सांस लिए।
D) उसने संतोष की सांस ली।
Answer : D
Description :
‘उसने संतोष का साँस ली।’ इस वाक्य में लिंग सम्बंधी अशुद्धि है। इसका शुद्ध रुप - उसने संतोष की सांस ली।
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निर्देश (प्रश्न 282 - 286) : प्रत्येक प्रश्न में एक वाक्य दिया गया है, जो चार भागों में विभाजित है। प्रत्येक वाक्य को पढ़कर यह पता लगाने का प्रयास करें कि इसके किसी भाग में भाषा, व्याकरण, वाक्य रचना या शब्दों के गलत प्रयोग का कोई दोष है या नहीं। यदि है तो वह वाक्य के किसी एक भाग में होगा। उस भाग का आपका उत्तर केवल लिखे A, B, C, D से ही होगा।
A) प्रातः उठना लाभदायक है
B) और जल्दी सो जाना भी
C) अच्छी आदत है
D) कोई त्रुटि नहीं
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सभी को काटकर गाजर खिलाओ। का शुद्ध वाक्य है-
A) गाजर काटकर सभी को खिलाओ।
B) सभी को लाकर गाजर खिलाओ।
C) खिलाओ सभी को काटकर गाजर
D) खिलाओ सभी को गाजर काटकर
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“मै आप पर श्रद्धा करती हूँ।” प्रस्तुत वाक्य में त्रुटि है, जिसका शुद्ध रुप कोई एक विकल्प में है, वह विकल्प कौन-सा है?
A) मैं आपसे श्रद्धा करती हूँ।
B) मैं आपकी श्रद्धा रखती हूँ।
C) मैं आपको श्रद्धा करती हूँ।
D) मैं आपके प्रति श्रद्धा रखती हूँ।
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निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो शुद्ध वाक्य का सबसे अच्छा विकल्प है।
A) वहीं दिल्ली अवश्य ही आएगा।
B) दिल्ली अवश्य आएगा।
C) वह दिल्ली अवश्य आएगा।
D) वह दिल्ली आवश्यक आएगा।
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अशुद्ध वाक्य का चयन कीजिए।
A) पुलिस द्वारा डाकुओं का पीछा किया गया।
B) देश की वर्तमान मौजूदा हालात ठीक नहीं है।
C) मैं पुस्तकालय में नित्य समय पर पहुँचता हूँ।
D) तुम चिन्ता न करो, मैं कोई न कोई रास्ता निकालूँगा।