Question :

वायुमंडल द्रवारा ग्रहण जल वाष्प की मात्रा वायु के ताप -


A) पर निर्भर नहीं होती
B) में वृद्धि के साथ बढ़ सकती है
C) में वृद्धि के साथ कम हो जाती है
D) में वृद्धि के साथ घटती-बढ़ती रहती है

Answer : B

Description :



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मानव नेत्र का वह भाग जो फोटाग्राफी कैमरा के द्वारक के समान कार्य करता है -


A) परितारिका (iris) कहलाता है
B) लेंस कहलाता है
C) तारा (पुतली) कहलाता है
D) रोमाभ पेशियां (ciliary muscles)कहलाता है

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किसी उपग्रह को पृथ्वी से बहुत ही परिशुद्ध रुप से -


A) डाप्लर प्रभाव की सहायता से पथांकित किया जा सकता है
B) रडार की सहायता से पथांकित किया जा सकता है
C) सोनार की सहायता से पथांकित किया जा सकता है
D) जीमान प्रभाव की सहायता से पथांकित किया जा सकता है

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यदि वायुमंडल न होता, तो दिन की अवधि


A) कम हो जाती
B) में कोई परिवर्तन नहीं होता
C) बढ़ जाती
D) लगभग आधी हो जाती

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बदं कमरे की खिड़की में एक छोटा छिद्र कमरे से बाहर की वस्तुओं का कमरे की सामने की दीवार पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है, इसका कारण-


A) प्रकाश की किरण का छिद्र में प्रवेश के पश्चात् पार्श्व परिवर्तन हो जाता है
B) प्रकाश का ऋतुरेखीय संचरण (rectilinear propagation)
C) छिद्र का उत्तल लेंस (convex lens) के रुप में कार्य करना
D) छिद्र का प्रिज्म के रुप में कार्य करना

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सूर्यास्त के पूर्व सूर्य गहरा नारंगी-लाल-आभायुक्त प्रतीत होता है क्योकिं -


A) दिन के अन्त में सूर्य अति तप्त होता है
B) संध्या में सूर्य में हीलियम की मात्रा में वृद्धि हो जाती है
C) सूर्य केवल नारंगी-लाल वर्ण का प्रकाश उत्सर्जित करता है
D) सूर्य के प्रकाश को अधिक मोटे वायुमंडल में गमन करना पड़ता है जिससे अन्य वर्ण प्रकीर्णित हो जाते हैं और पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाते हैं

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