अर्थ के आधार पर संबंधवाचक अव्यय को कितने भाग में विभक्त किया जाता है
A) 13
B) 12
C) 14
D) 15
Answer : A
Description :
अर्थ के आधार पर संबंधवाचक अव्यय को 13 भागों में विभक्त किया जाता है।
1. कालवाचक – आगे, पीछे, बाद, लगभग, पूर्व, पश्चात्, अब तक।
2. स्थानवाचक – भीतर, समीप, नजदीक, यहाँ, सामने, बाहर।
3. दिशावाचक – ओर, तरफ, आसपास, प्रति।
4. साधनवाचक – हाथ, बल, कर, जबानी।
5. हेतुवाचक – कारण, मारे, चलते, हेतु।
6. विषयवाचक – विषय, नाम, जान, भरोसे।
7. व्यतिरेकवाचक – अलावा, बिना, बगैर, रहित।
8. विनिमयवाचक – पलटे, बदले, जगह, एवज।
9. सादृश्यवाचक – बराबर, तुल्य, योग्य, अनुसार।
10. विरोधवाचक – विरुद्ध, खिलाफ, उलटे, विपरीत।
11. सहचरवाचक – संग, साथ, समेत।
12. संग्रहवाचक – तक, सहित, भर, मात्र, पर्यन्त, लगभग।
13. तुलनावाचक – अपेक्षा, बनिपत, आगे, सामने।
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“मजदूर मालिक के यहाँ रहता है।”
उपर्युक्त वाक्य में रेखांकित पद है-
A) सम्बन्धसूचक अव्यय
B) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
C) दिशासंकेतक क्रिया-विशेषण
D) संकेतवाचक अव्यय
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निम्नलिखित में से कृदन्त अव्यय का एक प्रकार नहीं है-
A) पूर्वकालिक कृदन्त
B) भूतकालिक कृदन्त
C) तात्कालिक कृदन्त
D) पूर्ण क्रियाद्योतक
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‘सरस्वती विद्यालय, बारहवीं कक्षा ______________ है।’ इस वाक्य में उचित निपात को लगाइए।
A) नहीं
B) तक
C) में
D) भोपाल
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निम्न में से कौन-सा अव्यय का भेद नहीं है?
A) सम्बन्धबोधक
B) विस्मयादिबोधक
C) परिमाणबोधक
D) क्रिया-विशेषण