Question :

“कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लजियात।

भरे भौन मैं करत हैं, नैनन ही सो बात”

 

उपर्युक्त दोहे में प्रयुक्त मुख्य क्रियापदों की संख्या है-


A) एक
B) दो
C) सात
D) आठ

Answer : D

Description :


प्रस्तुत दोहे में प्रयुक्त मुख्य क्रियापदों की संख्या आठ है। यह दोहा रीतिकालीन रीतिसिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित है, जो कि अन्त्यानुप्रास अलंकार तथा संयोग श्रृंगार रस का अद्भुत उदाहरण है। इसमें क्रिया पदों का विवरण निम्नानुसार हैं-

1. कहत – कहते हैं, इच्छा प्रकट करते हैं।

2. नटत – नाहीं-नाहीं करते हैं।

3. रीझत – प्रसन्न होते हैं।

4. खिझत – खींझते हैं, रंजीदा होते हैं।

5. मिलत – मिलते हैं।

6. खिलत – पुलकित होने हैं।

7. लजियात – लजाते हैं।

8. नेत्र – के इशारे से परस्पर बातचीत करते हैं।

इस दोहे में कवि ने उस स्थिति को दर्शाया है, जब भरी भीड़ में भी दो प्रेमी बातें करते हैं और उसका किसी को पता तक नहीं चलता है। ऐसी स्थिति में नायक और नायिका आँखों में रुठते हैं, मनाते हैं, मिलते हैं, खिल जाते हैं और कभी-कभी शरमाते भी हैं।


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अधोलिखित किस वाक्य में अकर्मक क्रिया है?


A) मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
B) ये चीजें तुम्हारा जी ललचाती है।
C) श्याम सोता है।
D) वह अपना सिर खुजलाता है।

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‘मीरा जोर से हँसी।’ यह वाक्य किस क्रिया का समुचित उदाहरण है?


A) अकर्मक
B) प्रेरणार्थक
C) द्विकर्मक
D) सकर्मक

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क्रिया के मूल रुप को क्या कहते हैं?


A) पद
B) रुप
C) धातु
D) शब्द

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‘यहाँ पढ़ा नहीं जाता’ वाक्य में कौन-सा वाच्य प्रयुक्त हुआ है?


A) कर्मवाच्य
B) भाववाच्य
C) कर्तृवाच्य
D) अवधिवाच्य

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रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद हैं-


A) तीन
B) दो
C) चार
D) पाँच

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