Question :

मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल-


A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक

Answer : A

Description :


भारतीय आर्यभाषा संस्कृत का इतिहास साढ़े तीन हजार वर्षो का है, इस इतिहास को तीन कालों में बाँटा गया है-

 

1. प्राचीन भारतीय आर्यभाषा-काल (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.)

2. मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा-काल (500 ई.पू. से 1000 ई. तक)

3. आधुनिक भारतीय आर्यभाषा-काल (1000 ई. से अब तक)


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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित ‘लिपि सुधार-परिषद’ की 28, 29 नवम्बर, 1953 को हुई बैठक की अध्यक्षता की थी-


A) तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने
B) तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्षन ने
C) तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. वी.वी. गिरि ने
D) तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री वी.डी. जत्ती ने

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पारिभाषिक शब्द है-


A) जो प्रत्येक क्षेत्र में अर्थ को प्रकट करते हैं।
B) जिनकी परिभाषा या व्याख्या नहीं की जा सकती हो।
C) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट करते हैं।
D) जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को प्रकट नहीं करते हैं।

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‘अंगिका’ किस राज्य की बोली है?


A) बंगाल
B) छत्तीसगढ़
C) मध्य प्रदेश
D) बिहार

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ब्रजभाषा का विकास किस अपभ्रंश से हुआ?


A) पैशाची
B) मागधी
C) अर्द्ध-मागधी
D) शौरसेनी

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इनमें से कौन-सी बोली मध्य प्रदेश की प्रमुख बोलियों में से नहीं है?


A) मालवी
B) बाँगरु
C) निमाड़ी
D) बुन्देली

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