Question :
A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक
Answer : A
मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल-
A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक
Answer : A
Description :
भारतीय आर्यभाषा संस्कृत का इतिहास साढ़े तीन हजार वर्षो का है, इस इतिहास को तीन कालों में बाँटा गया है-
1. प्राचीन भारतीय आर्यभाषा-काल (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.)
2. मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा-काल (500 ई.पू. से 1000 ई. तक)
3. आधुनिक भारतीय आर्यभाषा-काल (1000 ई. से अब तक)
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लिपि की आवश्यकता होती है-
A) भाषा बोलने में
B) भाषा लिखने में
C) भाषा संकेत में
D) तीनों में
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मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल-
A) 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
B) 1000 ई. से 21वीं तक
C) 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
D) 500 ई. से 1000 ई. तक
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सही विकल्प बताओं-
भाषा संकेतात्मक है इसमें जो ध्वनियाँ उच्चारित होती हैं वे-
A) ध्वनियाँ संकेतात्मक या अप्रतीकात्मक होती है।
B) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रतीतात्मक होती है।
C) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रतीकात्मक होती है।
D) ध्वनियाँ संकेतात्मक या प्रगीकात्मक होती है।
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सन् 1974ई. में गठित ‘देवनागरी लिपि सुधार समिति’ के अध्यक्ष थे-
A) डॉ. धीरेन्द्र वर्मा
B) संपूर्णानन्द
C) आचार्य नरेन्द्र देव
D) इनमें से कोई नहीं