Question :
A) भाषा में प्रयुक्त होने वाले विराम चिन्हों से परिचित कराना।
B) व्याकरणिक नियमों की जानकारी देना।
C) संगीत कला में निपुण बनाना।
D) रसानुभूति एवं आनन्दानुभूति कराना।
Answer : D
काव्य शिक्षण का उद्देश्य है-
A) भाषा में प्रयुक्त होने वाले विराम चिन्हों से परिचित कराना।
B) व्याकरणिक नियमों की जानकारी देना।
C) संगीत कला में निपुण बनाना।
D) रसानुभूति एवं आनन्दानुभूति कराना।
Answer : D
Description :
काव्य शिक्षण का उद्देश्य है, कि रसानुभूति एवं आनन्दानुभूति कराना होता है इसलिए शब्दों की व्याख्या करने की नहीं अपितु सिर्फ शब्दों के अर्थ बताने का प्रयास करना चाहिए जो भाव-सौन्दर्य को बढ़ाने में सहायक हो। शेष सभी विकल्प असंगत है।
Related Questions - 1
निम्नलिखित रचनाओं को उनकी भाषा के साथ सुमेलित कीजिये-
(a) कवितावली | 1. पिंगल |
(b) पृथ्वीराज रासो | 2. ब्रज |
(c) बरवैनायिका भेद | 3. खड़ी बोली |
(d) अमीर खुसरो की मुकरियाँ | 4. अवधी |
5. भोजपुरी |
कूट : (a) (b) (c) (d)
A) 1 2 3 4
B) 5 4 3 2
C) 2 3 1 4
D) 2 1 4 3
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अशोक के शिलालेख ब्राह्मी लिपि तथा किस भाषा में उत्कीर्ण है?
A) संस्कृत
B) पालि
C) हिन्दी
D) प्राकृत
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सूरदास और नंददास की काव्य रचनाओं की भाषा कौन-सी थी?
A) खड़ी बोली
B) ब्रजभाषा
C) संस्कृत
D) प्राकृत
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‘अघान’ को खड़ीबोली में क्या कहते हैं?
A) जिसनें भोजन कर लिया हो
B) जिसका पेट भरा हो
C) जिसका पेट बड़ा हो
D) जो भोजन से असंतुष्ट हो
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‘आइना’ को खड़ी बोली में क्या कहते हैं?
A) सीसा, आए नहीं
B) शीशा, दर्पण
C) आया नहीं
D) हे भगवन