Question :
A) ब्रहा समाज
B) प्रार्थना समाज
C) थियोसोफिकल सोसाइटी
D) आर्य समाज
Answer : D
खड़ीबोली को प्रधानता देने में सर्वाधिक योगदान रहा-
A) ब्रहा समाज
B) प्रार्थना समाज
C) थियोसोफिकल सोसाइटी
D) आर्य समाज
Answer : D
Description :
खड़ी बोली को प्रधानता देने में सर्वाधिक योगनान आर्य समाज का रहा है। क्योंकि आर्य समाज ने हिन्दी पत्रकारिता के उन्नयन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
आर्य समाज - स्वामी दयानन्द सरस्वती, (1875)
ब्रह्म समाज – राजा राममोहन राय, (1828)
प्रार्थना समाज – आत्माराम पांडुरंग, (1867)
थियोसोफिकल सोसाइटी – मैडम ब्लावात्सकी और कर्नल अल्कॉट, (1875)
Related Questions - 1
बोली का क्षेत्र जब थोड़ा विकसित हो जाता है, और उसमें साहित्य की रचना होने पर क्या बन जाती है?
A) ब्रजभाषा
B) उपभाषा
C) लिपि
D) क्षेत्रीय रुप
Related Questions - 2
‘काशी नागरी प्रचारिणी सभा’ की स्थापना किस वर्ष हुई?
A) 1893 ई.
B) 1900 ई.
C) 1903 ई.
D) 1905 ई.
Related Questions - 3
Related Questions - 4
निम्नलिखित बोलियों को उनके क्षेत्र के साथ सुमेलित कीजिये-
(A) पश्चिम पहाड़ी | 1. गढवाल |
(B) मध्यवर्ती पहाड़ी | 2. पटना |
(C) भोजपुरी | 3. शिमला |
(D) मगही | 4. गाजीपुर |
5. बिलासपुर |
कूट : (a) (b) (c) (d)
A) 3 4 5 1
B) 1 2 3 4
C) 3 1 4 2
D) 4 3 2 5
Related Questions - 5
‘अउतै रहिगें’ को खड़ी बोली में क्या कहते हैं?
A) दूसरी जगह रहेंगे
B) आते ही रहे
C) जाते रहेंगे
D) जाते रहे