Question :
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
टूट चाप नहिं जुरै रिसाने का अर्थ है -
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
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जिस छंद में वर्णिक या मात्रिक प्रतिबंध न हो, वह छंद क्या कहलाता है ?
A) वर्णिक छंद
B) मात्रिक छंद
C) मुक्त छंद
D) इनमें से कोई नहीं
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कबिरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।
जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर ।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?
A) यमक
B) रुपक
C) पुनरुक्ति
D) श्लेष