Question :
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
टूट चाप नहिं जुरै रिसाने का अर्थ है -
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
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अति मलीन वृषभानुकुमारी।
अधोमुख रहति, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी।
छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानों, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?
A) अनुप्रास
B) उत्प्रेक्षा
C) रुपक
D) उपमा
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आडम्बर बहुत, किन्तु वास्तविकता कुछ नहीं के लिए सही लोकोक्ति है -
A) आँख का अंधा नाम नयनसुख
B) ऊँची दुकान फीका पकवान
C) ऊँट के मुँह में जीरा
D) खोदा पहाड़ निकली चुहिया