Question :
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
टूट चाप नहिं जुरै रिसाने का अर्थ है -
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
Description :
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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) स्वदेश-प्रेम के
(य) नागरिकों ने देश के
(र) सदा
(ल) आन्हान पर
(व) वशीभूत होकर
(6) बड़े से बड़ा त्याग किया है।
A) व य ल र
B) य र ल व
C) ल व र य
D) व र ल य