Question :
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
टूट चाप नहिं जुरै रिसाने का अर्थ है -
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
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जस दूल्हा तस बनी बराता का अर्थ है -
A) संगठन से ही कार्य सिद्ध होता है
B) सुन्दर वस्तु के साथ ही सुन्दर वस्तु का मेल होना
C) सभी साथी एक ही जैसे
D) बेढंगा होना
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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) जिस समाज में ब्याहता को
(य) अकारण ही अग्नि की भेंट चढ़ा दिया जाता हो
(र) वह समाज निश्चित रुप से
(ल) प्यार के स्थान पर यातना दी जाती है
(व) सभ्यों का समाज नहीं
(6) अपितु नितान्त असभ्यों का समाज है।
A) य व र ल
B) र ल व य
C) ल य र व
D) व र य ल
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मूक होइ वाचाल पंगु चढई गिरिवर गहन।
जसु कुपा सो दयाल द्रवहु सकल कलिमल दहन।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
A) दोहा
B) चौपाई
C) सोरठा
D) बरवै