Question :
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
टूट चाप नहिं जुरै रिसाने का अर्थ है -
A) टूटा धनुष क्रोध करने से नहीं जुड़ता
B) चिन्ता छोड़ो सुख से जिओ
C) नुकसान के लिए परेशान नहीं होना चाहिए
D) नुकसान हो जाने पर क्रोध करना व्यर्थ है
Answer : D
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जो प्रत्यय धातुओं के अन्त में लगते हैं, वे प्रत्यय हैं -
A) कृत प्रत्यय
B) संबंध वाचक तद्धित
C) गणनावाचक
D) सादृश्यवाचक तद्धित
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चारों चरणों में समान मात्रओं वाले छंद को क्या कहते हैं ?
A) सम मात्रिक छंद
B) विषम मात्रिक छंद
C) अर्द्धसम मात्रिक छंद
D) ये सभी