Question :
A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना
Answer : B
कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है -
A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना
Answer : B
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निम्नलिखित में से कौन सा ‘रात्रि’ का पर्यायवाची नहीं हैं ?
A) रजनी
B) विभावरी
C) समीर
D) निशि
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‘एक मनई के दूइ बेटवे रहिन। ओह मॉ लहुरा अपने बाप से कहिस-दादा धन मॉ जवन हमर बखरा लागत होय तवन हमका दै द।‘ यह अवतरण हिन्दी की किस बोली में है ?
A) भोजपुरी
B) कन्नौजी
C) अवधी
D) खड़ी बोली