Question :

कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है -


A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना

Answer : B

Description :



Related Questions - 1


निम्नलिखित में से तत्सम शब्द है -


A) गरम
B) नरक
C) नरम
D) तीर्थ

View Answer

Related Questions - 2


कोई भी छंद किसमें विभक्त रहता है ?


A) चरणों में
B) यति में
C) दोनों में ही
D) इनमें से कोई नहीं

View Answer

Related Questions - 3


इनमें कौन सा शब्द तद्भव है ?


A) मधुप
B) मधुकर
C) भ्रमर
D) भँवरा

View Answer

Related Questions - 4


निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |

 

(1) हमें यह समझ लेना चाहिए कि

(य) एक सुन्दर स्वरुप है और यह भी मानना होगा कि

(र) धर्म की भाषा अधिक स्पष्ट, मूर्त्त और परिष्कृत

(ल) होती गई है और इसके लिए बहुत हद तक

(व) धर्म मानव जाति की मूलगत अनुभूनितों का

(6) विज्ञान ही उत्तरदायी है।


A) य र ल व
B) र ल व य
C) व य र ल
D) व य ल र

View Answer

Related Questions - 5


‘ईप्सित’ का विलोम शब्द है -


A) अभिप्सित
B) अनीप्सित
C) परोप्सित
D) सुनीप्सित

View Answer