Question :

कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है -


A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना

Answer : B

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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |

 

(1) सामाजिक जीवन में

(य) क्रोध की जरुरत बराबर पड़ती है

(र) मनुष्य दुसरों के द्वारा पहुँचाए जाने वाले बहुत से

(ल) यदि क्रोध न हो तो

(व) कष्टों की चिर निवृति का

(6) उपाय ही न कर सके।


A) य ल र व
B) र य ल व
C) ल र व य
D) व य र ल

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कबिरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।

जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर ।।

 

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?


A) यमक
B) रुपक
C) पुनरुक्ति
D) श्लेष

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‘Seminar’ का सही अर्थ है


A) संगोष्ठी
B) बैठक
C) समारोह
D) सम्मेलन

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उपसर्ग का प्रयोग होता है -


A) शब्द के आदि में
B) शब्द के मध्य में
C) शब्द के अन्त में
D) इनमें से कोई नहीं

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निम्नलिखित में से कौन-सा समास नहीं है ?


A) अव्ययीभाव समास
B) कर्मकारक समास
C) द्वन्द् समास
D) बहुव्रीहि समास

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