Question :
A) पारा सभी धात्विक गेंदों को अपने में नहीं डूबने देता
B) पारा द्रवरुपी एक धातु ही है
C) इस्पात की अपेक्षा पारे का घनत्व अधिक है
D) इस्पात की गेंद को समुचित संमजन द्वारा किसी भी द्रव पर तैराया जा सकता है
Answer : C
इस्पात की गेंद पारे पर तैरती है, क्योंकि -
A) पारा सभी धात्विक गेंदों को अपने में नहीं डूबने देता
B) पारा द्रवरुपी एक धातु ही है
C) इस्पात की अपेक्षा पारे का घनत्व अधिक है
D) इस्पात की गेंद को समुचित संमजन द्वारा किसी भी द्रव पर तैराया जा सकता है
Answer : C
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एक वायुयान धवन-पथ (run way) से 100 m/ s के वेग से उड़ान भरता है। यदि वायुयान अपने विश्रामस्थल से 10 m /s2 के एक समान त्वरण बढ़ता है । तो अपेक्षित वेग प्राप्त करने के लिए धावन – पथ की लम्बाई कितनी होनी चाहिए ?
A) 200 मीटर
B) 250 मीटर
C) 500 मीटर
D) 1000 मीटर
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प्रकाश-विद्युत् सेल -
A) विद्युत् ऊर्जा को प्रकार ऊर्जा में परिवर्तित करता है
B) ऊष्मा ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करता है
C) प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है
D) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत् में परिवर्तित करता है
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हाइड्रोजन गैस भरा गुब्बारा -
A) सदैव हवा में ऊपर उठता है
B) हवा में केवल तब ही ऊपर उठता है जब उसका कुल भार विस्थापित वायु के भार से बहुत कम हो
C) हवा में केवल तब ही ऊपर उठता है जब उसका कुल भार विस्थापित वायु के भार के बराबर हो
D) हवा में कभी नहीं उठ सकता है
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कांच प्रिज्म में होकर श्वेत प्रकाश के गुजरने पर वह वर्णा में बिखर जाता है क्योंकि -
A) प्रिज्म का कांच प्रकाश को रंगीन बना देता है
B) भिन्न वर्ण का प्रकाश कांच में भिन्न वेग से गमन करता है
C) प्रकाश के व्यतिकरण के कारण ऐसा होता है
D) प्रकाश के विवर्तन (diffraction) के कारण ऐसा होता है