Question :

एक वायुयान धवन-पथ (run way) से 100 m/ s के वेग से उड़ान भरता है। यदि वायुयान अपने विश्रामस्थल से 10 m /s2 के एक समान त्वरण बढ़ता है । तो अपेक्षित वेग प्राप्त करने के लिए धावन – पथ की लम्बाई कितनी होनी चाहिए ?


A) 200 मीटर
B) 250 मीटर
C) 500 मीटर
D) 1000 मीटर

Answer : C

Description :



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पारे की दो बूंदों को संपर्क में लाने पर, वे मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है, इसका कारण है द्रवों द्वारा-


A) न्यूनतम आयतन बनाए रखना
B) अधिकतम पृष्ठीय क्षेत्रफल (surface area) बनाए रखना
C) न्यूनतम पृष्ठीय क्षेत्रफल बनाए रखना
D) अधिकतम आयतन बनाए रखना

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बाह्रा अंतरिक्ष में स्थित अंतरिक्ष-यात्री -


A) दिन के समय तारे नहीं देख पाता है
B) तारों को बिलकुल भी नहीं देख पाता है
C) दिन के समय सूर्य की विपरीत दिशा में तारों को देख पाता है
D) सभी दिशाओं में दिन के समय तारे देख पाता है

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लेजर के अनुप्रयोगों में से एक अनुप्रयोग नहीं है-

 

(i) होलोग्राफी

(ii) चिकित्सीय

(ii) शल्य क्रिया

(iv) नियंत्रित ताप-नाभिकीय अभिक्रियाएं

 

नीचे दिए गए संकेतों से सही उत्तर चुनिए

 


A) (i), (ii) ,(iii) व (iv)
B) (iv)
C) केवल (i) व (iii)
D) (i), (ii) व (iii)

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कांच प्रिज्म में होकर श्वेत प्रकाश के गुजरने पर वह वर्णा में बिखर जाता है क्योंकि -


A) प्रिज्म का कांच प्रकाश को रंगीन बना देता है
B) भिन्न वर्ण का प्रकाश कांच में भिन्न वेग से गमन करता है
C) प्रकाश के व्यतिकरण के कारण ऐसा होता है
D) प्रकाश के विवर्तन (diffraction) के कारण ऐसा होता है

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केप्लर ने खोज कर ज्ञात किया कि ग्रहों के परिक्रमा की कक्षाओं की आकृति -


A) अतिपरवलयिक
B) परवलयिक
C) दीर्घवृत्तीय
D) वृत्तीय

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