Question :
A) इसमें अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा होती है
B) इसमें वोल्टता के उतार-चढ़ाव नहीं होते
C) इसकी जनन (उत्पादन) लागत कम आती है
D) यह कम ऊर्जा हानि के साथ लम्बी दूरी तक (संचरित) की जा सकती है
Answer : D
डी◦ सी◦ की आपेक्षा ए◦ सी◦ के लाभ यह है कि -
A) इसमें अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा होती है
B) इसमें वोल्टता के उतार-चढ़ाव नहीं होते
C) इसकी जनन (उत्पादन) लागत कम आती है
D) यह कम ऊर्जा हानि के साथ लम्बी दूरी तक (संचरित) की जा सकती है
Answer : D
Description :
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किसी पिंड का वेग दो गुना होने पर, उसकी गतिज – ऊर्जा-
A) दुगुनी हो जाएगी
B) आधी रह जाएगी
C) चार गुना हो जाएगी
D) एक- चौथाई रह जाएगी
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किसी पिंड का अधिकतम भार-
A) वायु में होगा
B) जल में होगा
C) हाइड्रोजन में होगा
D) निर्वात् में होगा
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किसी पिंड का द्रव्यमान उसके अपने भार से भिन्न होता है, क्योंकि
A) द्रव्यमान एक चर राशि है जबकि भार स्थिर राशि है।
B) भिन्न-भिन्न स्थानों पर द्रव्यमान में बहुत कम और भार में अधिक परिवर्तन होता है।
C) विषुवत रेखा से ध्रुवों पर जाने से द्रव्यमान स्थिर रहता है और भार में वृद्धि होती है।
D) पदार्थ की मात्रा का मापक द्रव्यमान है किन्तु भार एक बल है।
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रेडार का प्रयोग -
A) रिसीवर में सिग्नल प्राप्त करने के लिय करते हैं
B) ग्रह की गति का अध्ययन करने हेतु करते हैं
C) वायुयान जैसी वस्तुओं की पहचान व स्थिति निर्धारण करने हेतु करते हैं
D) सूर्य के धब्बों के अध्ययन करते के लिए करते हैं
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रेडियो-कार्बन काल-निर्धारण तकनीक का प्रयोग -
A) चट्टानों की आयु-निर्धारण हेतु किया जाता है
B) मिट्टी की आयु-निर्धारण हेतु किया जाता है
C) जीवाश्मों की आयु-निर्धारण हेतु किया जाता है
D) भवनों की आयु-निर्धारण हेतु किया जाता है