‘सामा-चकेवा’ बिहार राज्य का प्रचलित है-
A) लोकनृत्य
B) लोकनाट्य
C) चित्रकला
D) लोकगीत
Answer : B
Description :
प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह मे शुल्क पक्ष की सप्तमी से पूर्णमासी तक अभिनीत सामा-चकेवा लोक-नाट्य में पात्र तो मिट्टी द्वारा निर्मित होते हैं किन्तु उनका अभिनय बालिकाओं द्वारा किया जाता है। इस अभिनय में सामा अर्थात् श्यामा तथा चकेवा की भूमिका निभाई जाती है। सामूहिक गाए जाने वाले गीतों में प्रश्नोत्तर के माध्यम से विषयवस्तु प्रस्तुत की जाती है।
Related Questions - 1
सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय देश के विभिन्न भागों में सांप्रदायिक दंगे लेकिन बिहार में कोई गंभीर घटना नहीं घंटी, जिसका श्रेय किसे दिया जाता है?
A) सच्चिदानंद सिन्हा को
B) मजहरुल हक को
C) अली इमाम को
D) राजेन्द्र प्रसाद को
Related Questions - 2
द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन वैशाली में हुआ। इसमें किए गए कार्य थे?
A) बौद्ध धर्म दो भागों स्थाविर और महासंघिक के रुप में विभाजित हुआ
B) बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन सुत और विनयपिटक में हुआ
C) कुछ कठोर नियम बनाए गए और अभिधम्मपिटक का संकलन हुआ
D) उपर्युक्त में कोई नहीं
Related Questions - 3
महाजनपद युग में पावापुरी किसकी राजधानी थी ?
A) कोलिय गणराज्य की
B) लिच्छवि गणराज्य की
C) शाक्य गणराज्य की
D) मल्ल गणराज्य की
Related Questions - 4
प्रसिद्ध बौद्ध सारिपुत्र का जन्म कहाँ हुआ था?
A) नालंदा में
B) वैशाली में
C) गया में
D) पटना में
Related Questions - 5
बिहार राज्य में चलाई जानेवाली लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा योजना से संबंधित कौन-सा तथ्य सही है?
A) इस योजना के अंतर्गत 30,000 रुपये से कम वार्षिक आय वाली 2 लाख विधवाओं को प्रतिमाह 200 रुपये देने का प्रावधान है।
B) इस योजना के तहत बी.पी.एल. परिवार किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर अंत्योष्टि के लिए 5000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है।
C) इस योजना के तहत नौवीं व दसवीं कक्षा की छात्राओं के लिए निःशुल्क साइकल उपलब्ध कराने की योजना है।
D) उपर्युक्त सभी