चम्पारण के नील किसानों के मामलों से संबंधित जांच समिति ने सरकार को सर्वसम्मत प्रतिवेदन कब पेश किया था?
A) 4 सितम्बर, 1917 को
B) 4 अक्टूबर, 1917 को
C) 4 दिसम्बर, 1917 को
D) 16 सितम्बर, 1917 को
Answer : B
Description :
चम्पारण सत्याग्रह का बिहार के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। अंग्रेजों ने चम्पारण के किसानों के साथ एक समझौता कर रखा था जिसके अधीन किसानों को अपनी जमीन के 3/20 वें हिस्से में नील की खेती करना अनिवार्य था। यह प्रथा इतिहास में तीनकठिया व्यवस्था के नाम से जानी जाती है। अप्रैल 1917 ई. में महात्मा गांधी पटना और मुजफ्फरपुर होते हुए चम्पारण पहुँचे। हुए बिहार के उपराज्यपाल एडवर्ड गेट ने गांधीजी को वार्ता के लिए बुलाया और किसानों की समस्या की जांच के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा जो 'चम्पारण एप्रेरेरियन समिति' कहलाई। महात्मा गांधी इस समिति के सदस्य थे। इस समिति के अध्यक्ष एफ. जी. स्लाई थे। अन्य सदस्यों में एल. सी. अदामी, राजा हरिहर प्रसाद नारायण सिंह, डी. जे. रीड एवं जी. रैनी थे। 4 अक्टूबर, 1917 ई. को इस समिति ने अपनी सिफारिश प्रस्तुत की। इसमें कहा गया कि बढ़े हुए लगान का एक-चौथाई हिस्सा छोड़ दिया जाए तथा बाकी तीन- न चौथाई ज्यों का त्यों बना रहे। नकद वसूल की गई राशि में से 25% वापस फन कर दिया जाए तथा शेष रुपया रैयत छोड़ दें तथा तीनकठिया प्रथा समाप्त कर दी जाए।
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बिहार के प्रसिद्ध “सीतामढ़ी योजना” क्या है?
A) यह प्रारंभिक शिक्षा विस्तार जिला मंडल योजना था
B) यह बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् द्वारा शिक्षा तथा साक्षरता प्रसार कार्यक्रम था
C) उपर्युक्त दोनों
D) उपर्युक्त में कोई नहीं
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वर्ष 2001 से 2011 के दशक से बिहार में जनसंख्या में 25.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बतायें यह देश की जनसंख्या वृद्धि से ________ है।
A) कुछ कम
B) अधिक
C) बहुत कम
D) समान
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A) डेन
B) हॉलैण्ड (डच)
C) अंग्रेज
D) फ्रांसिसी
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बिहार सरकार ने किनकी जन्म दिवस को ‘शिक्षा दिवस’ के रुप में मनाता हैं?
A) जयप्रकाश नारायण
B) श्री कृष्ण सिंह
C) मौलना अब्दुल कलाम आजाद
D) महजरुल हल