Question :

कोई कम्पनी समता पर व्यापार कर सकती है, जबकि-


A) कम्पनी के अर्जन की दर उसकी स्थायी आय वाली प्रतिभूतियों पर ब्याज की दर से कम
B) कम्पनी के अर्जन की दर उसकी स्थायी आय वाली प्रतिभूतियों पर ब्याज की दर से अधिक है
C) सम्पूर्ण पूँजी समता अंशों के द्वारा एकत्रित की जाए।
D) कम्पनी की स्थापना को कुछ वर्ष व्यतीत हो चुके हो

Answer : B

Description :


समता पर व्यापार एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें ऋण, कंपनी के अंशधारकों के लिए लाभ पैदा करता है। कोई कंपनी समता पर व्यापार तभी कर सकती है जब कंपनी बांड, ऋण या पसंदीदा अंश का उपयोग करके नया ऋण लेती है और कंपनी इन कोषों का उपयोग संपत्ति हासिल करने के लिए करती है, जो लाभ पैदा करेगी और कंपनी की अर्जन दर उसकी स्थायी आय वाली प्रतिभूतियों पर ब्याज की दर से अधिक होती है। यह कंपनी को आमतौर पर प्रति शेयर कमाई को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।


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एक व्यापार के लिए निधि इसके माध्यम से बढ़ाया जा सकता है:


A) सिर्फ इक्विटी
B) सिर्फ ऋण
C) ऋण एवं इक्विटी दोनों
D) उपरोक्त में से कोई नहीं

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SWOT विश्लेषण संक्षिप्त नाम है-


A) आलल्य, कार्य, आशावादिता, प्रशिक्षण
B) शक्ति, कमजोरी, अवसर, भय
C) पर्यवेक्षक, कार्य, अवसर, भय
D) पर्यवेक्षक, कमजोरी, अवसर, प्रशिक्षण

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1991 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का वह युग, जिसे अर्थव्यवस्था में व्यापार संचालनों पर प्रतिबंधों के कम करने और निजीकरण का विस्तार करने द्वारा अभिलक्षित किया गया, निम्न कहलाता हैः


A) निजीकरण
B) औद्योगीकरण
C) उदारीकरण
D) वैश्वीकरण

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बंधपत्र, डिबेंचर एंव आवधिक कर्ज इसके हिस्से है:


A) वर्तमान देनदारियाँ
B) वर्तमान परिसंपत्ति
C) दीर्घकालिक देनदारियाँ
D) निवेश

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योजना बनाना (प्लानिंग), प्रायः प्रबन्धन का प्राथमिक कार्य कहलाता है, क्योंकि यह-


A) भविष्य के निर्णय लेने के लिए कुछ आधार प्रदान करता है।
B) संगठनात्मक संस्कृति के लिए टोन को सेट करता है।
C) संगठनात्मक सदस्यों के लिए विजन तैयार करता है।
D) अन्य सभी कार्यों का आधार स्थापित करता है।

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