Question :

अत्यधिक चालू अनुपात प्रकट करता है:


A) चालू सम्पत्तियां अधिक हैं
B) लेनदारों के हित सुरक्षित हैं
C) व्यवसाय प्रगति पर है
D) विनियोग एवं साख नीति दूषित है

Answer : D

Description :


चालू अनुपात (कार्यशील पूंजी अनुपात के रुप में भी जाना जाता है) एक सूत्र है जो कंपनियों को एक वर्ष के भीतर अपनी अल्पकालिक देनदारियों का भुगतान करने की क्षमता को मापने में मदद करता है। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि लेनदारों को अपनी अल्पकालिक ऋणों को निपटाने के लिए वे अपनी वर्तमान संपत्ति को कैसे अधिकतम कर सकते है। चालू अनुपात के अधिक हो जाने पर विनियोग एवं साख नीति दूषित होती है।


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उद्देश्यों द्वारा प्रबन्धन (एमबीओ) उन लक्ष्यों के निर्धारण पर विशेष रुप से जोर देता है, जो _______ होते हैं।


A) प्राप्त करने में आसान
B) मूर्त, सत्यापित और औसत दर्जे के
C) बनाने और विकसित करने में आसान
D) प्रकृति में सामान्य

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क्षमता, मानक है


A) एक कर्मचारी कितनी मेहनत से काम करता है।
B) किस प्रकार प्रभावी ढंग से एक प्रबंधक अपने अन्तर्गत काम करने वाले लोगों को प्रभावित करता है।
C) एक व्यवसाय किस प्रकार लाभदायक है
D) किस प्रकार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्पादकता संसाधनों का इस्तेमान कर रहे हैं।

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यदि अंश पूँजी ऋण पूँजी की अपेक्षा कम होगी तो व्यापार-अल्प समता पर होगा,


A) उच्च समता पर होगा
B) अल्प समता पर होगा
C) शून्य समता पर होगा
D) अनन्त समता पर होगा

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वित्तीय प्रबंधन का बुनियादी लक्ष्य होता है:


A) लाभ में अधिक से अधिक वृद्धि करना
B) शेयर धारकों की संपदा में अधिक से अधिक वृद्धि करना
C) लाभांश की दर में अधिक से अधिक वृद्धि करना
D) व्यवसाय के जोखिम को कम से कम करना

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संघर्ष प्रबंधन (कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट) क्या है?


A) संघर्ष से बचना
B) सभी तरह के संघर्ष को रोकना
C) संघर्ष का वांछित स्तर प्राप्त करना
D) संघर्ष को प्रोत्साहित करना

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