Question :

लोक राजस्व, व्यय और ऋण से संबंधित सरकार की नीति को इस नाम से जाना जाता है:


A) बजटीय सुधार
B) केंद्रीय बजट
C) राजकोषीय बजट
D) राजकोषीय नीति

Answer : D

Description :


राजकोषीय नीति को उस नीति के रुप में परिभाषित किया जाता है जिसके तहत सरकार आर्थिक नीति के विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कराधान, सार्वजनिक व्यय और सार्वजनिक उधारी के साधनों का उपयोग करती है। सीधे शब्दों में कहें तो यह स्थायी विकास हासिल करने के लिए सरकारी खर्च और कराधान की नीति है। राजकोषीय नीति अक्सर मौद्रिक नीति के विपरीत होती है जिसे केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।


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पूँजी संरचना से क्या अभिप्राय है?


A) विभिन्न पूँजी स्रोतों का कलेवर
B) पूँजी का निर्माण
C) अंश पूँजी का निर्गमन
D) विभिन्न पूँजी स्रोतों में सन्तुलन

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हर्ज़बर्ग के दो-कारक सिद्धांत के अनुसार, कार्य पर्यावरण में कौन से कारण प्रेरणा को नहीं बढ़ाते हैं, लेकिन इनकी अनुपस्थिति से अंसतोष बढ़ जाता है?


A) डिस्सैटिसफायर्स
B) अभिप्रेरक (मोटिवेटर्स)
C) सैटिसफायर्स
D) स्वच्छता कारक (हाइज़ीन फैक्टर्स)

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जब किसी प्रबन्धक को किसी निर्णय के अभिप्रेरित लक्ष्यों की कम जानकारी होती है और विकल्पों के परिणाम अस्पष्ट होते हैं, तो वह किस प्रकार की स्थिति में होते हैं?


A) निश्चितता
B) जोखिम
C) अस्पष्टता
D) अनिश्चितता

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निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबन्धन प्रक्रिया का एक आधारभूत कार्य नहीं हैं?


A) अगुआई (लीडिंग)
B) नियंत्रण (कंट्रोलिंग)
C) संगठन (ऑर्गनाइजेशन)
D) कार्यप्रणाली (वर्किंग)

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पूँजी मिलान अनुपात का निम्नलिखित में आशय होता है-


A) समता अंश : दायित्व
B) दायित्व : पूर्वाधिकार अंश
C) समता अंश : ऋणपत्र
D) पूर्वाधिकार अंश : अन्य स्रोत

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