Question :

बिहार में अफगान सत्ता के आरंभिक उत्कर्ष में निर्णायक देन किसकी थी?


A) तुर्क कबीले की
B) सूर कबीले की
C) फरमूली कबीले की
D) नूहानी कबीले की

Answer : D

Description :


बिहार के इतिहास में नूहानी वंश का महत्वपूर्ण स्थान है। इनका उदय मूल रूप से सिकन्दर लोदी (1489-1517 ई.) के समय में हुए राजनीतिक परिवर्तनों से जुड़ा है। बिहार को दिल्ली के प्रत्यक्ष नियंत्रण में रखने के लिए दरिया खाँ लोहानी को बिहार का प्रभारी नियुक्त किया। इसके बाद बहार खाँ लोहानी 1522 ई. में बिहार का शासक बना। बहार खाँ लोहानी (सुल्तान मूहम्मद) की मृत्यु के पश्चात् उसका अल्पसंख्यक पुत्र जलालुद्दीन (जलाल खाँ) शासक नियुक्त हुआ जिसका संरक्षक फरीद खाँ (शेरशाह) नियुक्त हुआ। शेरशाह के बढ़ते प्रभाव के कारण नूहानी सरदार जलाल खाँ को लेकर भाग गए। इससे शेर खाँ को फायदा हुआ एवं हजरत-ए-आला की उपाधि धारण कर अपना शासन प्रारम्भ किया। इस प्रकार बिहार में अफगान सत्ता के आरंभिक उत्कर्ष में नूहानी कबीले की निर्णायक देन थी जिनका प्रभाव 1495 से शुरू होकर 1530 ई. में समाप्त हो गया।


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बिहार में शिक्षा दिवस कब मनाया जाता


A) 11 नवम्बर
B) 11 सितम्बर
C) 12 दिसम्बर
D) 11 अक्टूबर

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चाँद एवं मुण्ड जो चण्डेश्वरी एवं मुण्डेश्वरी नामक मंदिरों से जुड़े हैं। ये संबंधित है ?


A) शाहाबाद के चेरो से
B) भोजपुर के उज्जैनी से
C) मुंगेर के पाल से
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चम्पारण के नील किसानों के मामलों से संबंधित जांच समिति ने सरकार को सर्वसम्मत प्रतिवेदन कब पेश किया था?


A) 4 सितम्बर, 1917 को
B) 4 अक्टूबर, 1917 को
C) 4 दिसम्बर, 1917 को
D) 16 सितम्बर, 1917 को

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बिहार राज्य में बड़ी मंझोली औद्योगिक इकाइयों का सर्वाधिक संकेद्रण कहाँ हैं?


A) पटना प्रमंडल में
B) तिरहुत प्रमंडल में
C) मगध प्रमंडल में
D) दरभंगा प्रमंडल में

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किस मौर्य शासक के दरबार में आजीवन भविष्यवक्ता पिंगलवत्स रहता था ?


A) चन्द्रगुप्त मौर्य
B) बिंदुसार
C) तीवर
D) अशोक

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