Question :

‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में उपचारिकता नहीं होती।’ इस वाक्य में उपचारिकता का शुद्ध रुप है-


A) उपचौरिकता
B) उपचारीकता
C) औपचारिकता
D) औपचारीकता

Answer : C

Description :


उपर्युक्त वाक्य में ‘उपचारिकता’ का शुद्ध रुप औपचारिकता होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य - .  ‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में औपचारिकता नहीं होती।’


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उचित एवं शुद्ध वाक्य पहचानिए।


A) लड़किएँ सेब खा रही हैं।
B) लड़कियों सेब खा रही हैं।
C) लड़कियाँ सेब खा रही हैं।
D) लड़की सेब खा रही हैं।

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‘श्री कृष्ण के अनेकों नाम है।।’ इस वाक्य का शुद्ध रुप लिखें।


A) श्री कृष्ण का एक नाम है।
B) श्री कृष्ण के अनेकों नाम हैं।
C) श्री कृष्ण के अनेक नाम हैं।
D) श्री कृष्ण के अनेकों नामों हैं।

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निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य चिन्हित कीजिए।


A) उसने प्राण निकल गये।
B) उसका प्राण निकल गया।
C) उसका प्राणपखेरु उड़ गया।
D) प्राण उसका खत्म हो गया।

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शुद्ध वाक्य बताइए-


A) एक गीत की पुस्तक ला दीजिए।
B) गीतों की पुस्तक एक ला दीजिए।
C) गीतों की एक पुस्तक ला दीजिए।
D) एक गीतों की पुस्तक ला दीजिए।

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शुद्ध वाक्य है-


A) दरअसल में वह उससे प्रेम करता है
B) डाकू के पैरों में हथकड़ियाँ हैं।
C) यह ऐतिहासिक घटना है
D) आपका भवदीय

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