‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में उपचारिकता नहीं होती।’ इस वाक्य में उपचारिकता का शुद्ध रुप है-
A) उपचौरिकता
B) उपचारीकता
C) औपचारिकता
D) औपचारीकता
Answer : C
Description :
उपर्युक्त वाक्य में ‘उपचारिकता’ का शुद्ध रुप औपचारिकता होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य - . ‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में औपचारिकता नहीं होती।’
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निर्देश (361-362) : निम्नलिखित वाक्य त्रुटिपूर्ण अथवा त्रुटिहीन है। त्रुटिपूर्ण अंश का चयन कीजिए। यादि वाक्य त्रुटिहीन हो, तो (D) पर चिन्ह लगाइए।
A) मेरा भाई
B) जिसका शादी कल है
C) घर गया।
D) कोई त्रुटि नहीं
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शुद्ध वाक्य का चयन करें।
A) मध्यकालीन युग में कलाओं की बहुत उन्नति हुई।
B) साहब ने कहा है कि, किसी को अन्दर न जाने दिया जाए।
C) इस समय मोहन की आयु 20 वर्ष है।
D) वे चाहे भले ही न आएँ, पर तुम्हें आना होगा।
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निम्नलिखित वाक्य को ध्यान से पढ़े और तय करें की कौन-से हिस्से में त्रुटि है?
‘तेनालीराम ने कहीं सुना था की एक दुष्ट आदमी साधु का भेष बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेता है।’
A) का भेष बनाकर लोगों
B) को अपने जाल में फंसा लेता है।
C) की एक दुष्ट आदमी साधु
D) तेनालीराम ने कहीं सुना था
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निर्देश (प्रश्न सं. 156 से 158 तक) - दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटिया हैं और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियां हों, उसके अनुरुप अक्षर वाले गोलाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो “कोई त्रुटि नहीं” वाले अक्षर के गोलाकार खाने को पूरी तरह काला करें।
A) भिनभिनाती हुई रहती हैं
B) मक्खियाँ हरक्षण
C) खुले हुए भोजन पर
D) कोई त्रुटि नहीं
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इनमें कौन-सा वाक्य शुद्ध है?
A) मेरे प्राण निकल गये।
B) मेरा प्राण निकल गया।
C) मेरा प्राण निकल गये।
D) मेरी प्राण निकल गई।