Question :

‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में उपचारिकता नहीं होती।’ इस वाक्य में उपचारिकता का शुद्ध रुप है-


A) उपचौरिकता
B) उपचारीकता
C) औपचारिकता
D) औपचारीकता

Answer : C

Description :


उपर्युक्त वाक्य में ‘उपचारिकता’ का शुद्ध रुप औपचारिकता होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य - .  ‘जहाँ आत्मीयता हो, वहाँ विचार-विनिमय में औपचारिकता नहीं होती।’


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निम्नलिखित में से एक वाक्य शुद्ध है, वह है-


A) इसके बावजूद भी हमसे हिन्दी लिखने में बहुत भूल हो जाती है।
B) इसके बावजूद भी हमसे हिन्दी लिखने में बहुत भूलें हो जाती है।
C) इसके बावजूद भी हम लोगों से हिन्दी लिखने में बहुत भूल हो जाती है।
D) इसके बावजूद हम लोगों से हिन्दी लिखने में बहुत भूलें हो जाती है।

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निम्नलिखित में एक वाक्य त्रुटिपूर्ण है-


A) संभवतः मैं रविवार को आ जाऊँगा।
B) जीती मक्खी निगली नहीं जाती।
C) विद्या सदेव साथ रहने वाला धन होता है।
D) मुझे आशंका है कि निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाएँगे।

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निम्न विकल्पों में से सही वाक्य पहचानिए।


A) पद्मावत के रचयिता कबीर हैं।
B) पद्मावत के रचयिता बिहारी हैं।
C) पद्मावत के रचयिता जायसी हैं।
D) पद्मावत के रचयिता तुलसी हैं।

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निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य शुद्ध है?


A) बंदूक एक बहुत ही उपयोगी अस्त्र है।
B) बाघ और बकरी एक घाट पानी पीती है।
C) कई रेलवे के कर्मचारियों की गिरफ्तरी हूई।
D) श्रीकृष्ण के अनेकों नाम हैं।

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निर्देश (प्रश्न सं. 144 से 146 तक) : नीचे दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ है और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियाँ हों, उसके अनुरुप अक्षर (A), (B), (C) वाले अण्डाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो (D) वाले अंण्डाकार खाने को पूरी तरह काला करें।


A) दया धर्म का मूल है
B) पाप मूल अभिमान
C) दया स्वयं भगवान है इसको मन में जान।
D) कोई त्रुटि नहीं।

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