Question :

“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” वाक्य में किस प्रकार की अशुद्धि है?


A) लिंग
B) कारक
C) सर्वनाम
D) संज्ञा

Answer : B

Description :


“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” इस वाक्य में कारक सम्बंधी अशुद्धि है, क्योंकि ‘पर’ के स्थान पर में का प्रयोग उचित होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य – घर में सब कुशल पूर्वक हैं।


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निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त अनावश्यक अथवा अनुपयुक्त शब्द वाला वाक्य छांटिए।


A) यह संस्था का आठवाँ वार्षिक अधिवेशन है।
B) सुषमा जल से पौधों को सींच रही थी।
C) मकान ढह जाने का डर है।
D) हम सब मेला देखने जाएँगें।

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निर्देश (363-365) : निम्नलिखित वाक्यों में कुछ त्रुटियाँ हैं और कुछ ठीक हैं। त्रुटि वाले वाक्यों को चुने और उसके अनुरुप (A), (B), (C) पर चिन्ह लगाएँ। यदि वाक्य त्रुटिहीन हो, तो (D) पर चिन्ह लगाएँ।


A) मनुष्य की अनुभूतियों का प्राकृतिक रुप पशु प्रवृत्तियों से अभिन्न है।
B) शिक्षा मानव-समाज की अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है।
C) मनुष्य संसार में अपनी स्वाभाविक और प्राकृतिक विशेषताओं सहित उत्पन्न होता है।
D) कोई त्रुटि नहीं

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‘दूर का लड्डू सुहावना होता है।’ इस वाक्य का शुद्ध रुप लिखिए।


A) दूर की ढोलक विचित्र होती है।
B) दूर के झोल सुहावने होते हैं।
C) दूर का गाना-बजाना सुहाना होता है।
D) दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

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निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो शुद्ध वाक्य का सबसे अच्छा विकल्प है।


A) दो लड़के इधर आ रहे हैं।
B) दो लड़का उधर आ रहे हैं।
C) दो लड़के इधर आ रहें हैं।
D) दो लड़का इधर आ रहा है।

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निम्नलिखित वाक्यों में से अशुद्ध वाक्य पहचानिए।


A) उसे जल्दी घर जाना था।
B) मुझे वहाँ नहीं जाना है।
C) वे लोग जा रहे हैं।
D) पिता ने मेरे से कहा।

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