“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” वाक्य में किस प्रकार की अशुद्धि है?
A) लिंग
B) कारक
C) सर्वनाम
D) संज्ञा
Answer : B
Description :
“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” इस वाक्य में कारक सम्बंधी अशुद्धि है, क्योंकि ‘पर’ के स्थान पर में का प्रयोग उचित होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य – घर में सब कुशल पूर्वक हैं।
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निर्देश (354-360): निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में तीन गद्यांश दिये गये हैं। त्रुटि वाले वाक्यांश को चुनें और उसके अनुरुप (A), (B), (C) पर चिन्ह लगाएँ। यदि वाक्य त्रुटिहीन हो, तो (D) पर चिन्ह लगाएँ।
A) सरदार पटेल से अच्छी
B) राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक
C) इस देश में फिर नहीं हुआ
D) कोई त्रुटि नहीं
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निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त अनावश्यक अथवा अनुपयुक्त शब्द वाला वाक्य छांटिए।
A) मैं शानिवार को गाँव जाउँगा।
B) इस यन्त्र का आविष्कार अमेरीका में हुआ था।
C) गोलियों की बौछार हो रही है।
D) पुस्तक छापने की व्यवस्था का प्रबंध करें।
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‘दूर का लड्डू सुहावना होता है।’ इस वाक्य का शुद्ध रुप लिखिए।
A) दूर की ढोलक विचित्र होती है।
B) दूर के झोल सुहावने होते हैं।
C) दूर का गाना-बजाना सुहाना होता है।
D) दूर के ढोल सुहावने होते हैं।
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निर्देश (प्रश्न सं. 150 से 152 तक) : दिये गये वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ है और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियाँ हों, उसके अनुरुप अक्षर (A), (B), (C) वाले अण्डाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो (D) वाले अंण्डाकार खाने को पूरी तरह काला करें।
A) शिक्षा के क्षेत्र में
B) अनुशासन का विशेष महत्व है
C) अनुशासित छात्र, आदर्श विद्यार्थी की श्रेणी में आती है
D) कोई त्रुटि नहीं।
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निम्नलिखित में से वाक्य के शुद्ध रुप का चयन कीजिए।
A) वन में प्रातःकाल का दृश्य बहुत ही सुहावना होता था।
B) वन में प्रातःकाल के समय ही सुहावना दृश्य होती है।
C) वन में प्रातःकाल के समय बहुत ही मनोहारी दृश्य होता है।
D) वन में प्रातःकाल का दृश्य बहुत ही खूबसूरत होता है।