Question :

“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” वाक्य में किस प्रकार की अशुद्धि है?


A) लिंग
B) कारक
C) सर्वनाम
D) संज्ञा

Answer : B

Description :


“घर पर सब कुशल पूर्वक है।” इस वाक्य में कारक सम्बंधी अशुद्धि है, क्योंकि ‘पर’ के स्थान पर में का प्रयोग उचित होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य – घर में सब कुशल पूर्वक हैं।


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निर्देश (प्रश्न सं. 144 से 146 तक) : नीचे दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ है और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियाँ हों, उसके अनुरुप अक्षर (A), (B), (C) वाले अण्डाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो (D) वाले अंण्डाकार खाने को पूरी तरह काला करें।


A) दया धर्म का मूल है
B) पाप मूल अभिमान
C) दया स्वयं भगवान है इसको मन में जान।
D) कोई त्रुटि नहीं।

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अशुद्ध वाक्य बताइए-


A) ‘रामचरितमानस’ भक्तिकाल
B) की सबसे श्रेष्ठतम
C) रचना मानी जाती है।
D) कोई त्रुटि नहीं

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निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए।


A) मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
B) मैं उनका धन्यवाद करता हूँ।
C) मैं उनको धन्यवाद देता हूँ।
D) मैं उन्हें धन्यवाद करता हूँ।

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निम्नलिखित चार-चार विकल्पों में से शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए।


A) प्रत्येक को दो-दो पुस्तकें दीजिए।
B) प्रत्येक को दो पुस्तकें दीजिए।
C) हर एक को दो-दो पुस्तकें दीजिए।
D) प्रत्येक व्यक्ति को दो पुस्तकें दीजिए।

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दिए गए विकल्पों में शुद्ध वाक्य की पुष्टि कीजिए।


A) मेरा नाम मोहन हैं।
B) मेरा नाम श्री मोहन है।
C) मेरा नाम श्री मोहन जी है।
D) मेरा नाम मोहन जी है।

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