Question :

‘हमारा समाज उन्नति के पथ में हैं’ – इस वाक्य में किस प्रकार की अशुद्धि है?


A) वचन
B) कारक
C) संज्ञा
D) लिंग

Answer : B

Description :


‘हमारा समाज उन्नति के पथ में हैं’ इस वाक्य में कारक संबंधी अशुद्धि है। उपर्युक्त वाक्य में ‘पथ में’ के स्थान पर पथ पर का प्रयोग उचित होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य – हमारा समाज उन्नति के पथ पर है।


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इनमें से अशुद्ध वाक्य है-


A) कल, आज और कल अवकाश रहेगा।
B) आज मौसम अच्छा है।
C) अब परीक्षा होने वाली है।
D) मैंने पत्र भेज दिया।

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‘दूर का लड्डू सुहावना होता है।’ इस वाक्य का शुद्ध रुप लिखिए।


A) दूर की ढोलक विचित्र होती है।
B) दूर के झोल सुहावने होते हैं।
C) दूर का गाना-बजाना सुहाना होता है।
D) दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

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निम्नलिखित में से वाक्य के शुद्ध रुप का चयन कीजिए।  


A) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
B) आज का अवकाश कृपया देने की कृपा करें।
C) आज का अवकाश देने की कृपा करें।
D) आज का कृपया अवकाश देने की कृपा करें।

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निर्देश (प्रश्न सं. 165 से 167 तक) : दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटिया हैं और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियां हों, उसके अनुरुप अक्षर वाले गोलाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो कोई त्रुटि नहीं वाले अक्षर के गोलाकार खाने को पूरी तरह काला करें।


A) कोई त्रुटि नहीं
B) कुत्तों के जाने की
C) झाड़ियों में बैठी बिल्ली
D) प्रतीक्षा कर रही थी

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एक वाक्य शुद्ध है-


A) खेत जोतने के पारम्परिक उपादान हल का स्थान अब ट्रैक्टर ने ले लिया है।
B) निरपराधी के विरुद्ध दंडनात्मक कार्यवाही का किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
C) श्रीमती रेड्डी जिस स्तर की नृत्यांगना हैं उनके पति उस स्तर के नृत्यांगन नहीं हैं।
D) शिक्षा प्रणाली जनोपयोगी होनी चाहिए।

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