Question :

‘हमारा समाज उन्नति के पथ में हैं’ – इस वाक्य में किस प्रकार की अशुद्धि है?


A) वचन
B) कारक
C) संज्ञा
D) लिंग

Answer : B

Description :


‘हमारा समाज उन्नति के पथ में हैं’ इस वाक्य में कारक संबंधी अशुद्धि है। उपर्युक्त वाक्य में ‘पथ में’ के स्थान पर पथ पर का प्रयोग उचित होगा। इस प्रकार शुद्ध वाक्य – हमारा समाज उन्नति के पथ पर है।


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निम्न वाक्यों में एक वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध नहीं है, पहचानिए।


A) कभी-कभी सिर्फ एक शब्द, एक वाक्य या एक विचार हमारी जिंदगी बदल सकता है।
B) सत्य बोलने के लिये कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती, सच हमेश दिल से निकलता है।
C) कई बार हम कोई चीज से प्रेरित होकर कोई ऐसा काम शुरु कर देते हैं पर उसे पूरा नहीं कर पाते।
D) स्वर्ग या नरक में जाने की कुंजी भगवान ने हमारे में दे रखी है।

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निर्देश (प्रश्न सं. 153 से 155 तक) : दिये गये चार वाक्यों में एक वाक्य शुद्ध है और तीन अशुद्ध हैं। शुद्ध वाक्य को चुनिये तथा उत्तर-पुस्तिका में तद्नुसार काला कीजिये।


A) वे विद्यार्थी कहाँ खेलता हैं?
B) वे विद्यार्थी कहाँ खेल रहे हैं?
C) वे विद्यार्थी कहाँ खेल रहा है?
D) वह विद्यार्थी कहाँ खेलता रहे हैं?

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निम्नलिखित में से वाक्य के शुद्ध रुप का चयन कीजिए।  


A) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
B) आज का अवकाश कृपया देने की कृपा करें।
C) आज का अवकाश देने की कृपा करें।
D) आज का कृपया अवकाश देने की कृपा करें।

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दिए गए विकल्पों में से सही वाक्य पहचानिए।


A) ईमानदारी मनुष्य का श्रेष्ठ लक्षण है।
B) ईमानदारी मनुष्य का श्रेष्ठ आचरण है।
C) ईमानदारी मनुष्य का श्रेष्ठ व्यवहार है।
D) ईमानदारी मनुष्य का श्रेष्ठ गुण है।

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‘संस्कृत संश्लिश्ट भाषा है।’ इस वाक्य में संश्लिश्ट का शुद्ध रुप है-


A) संष्लिष्ठ
B) संश्लिस्ट
C) संश्लिष्ट
D) संस्लिष्ट

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