Question :
A) नेत्र का शीघ्र ही स्थिति अनुरुप समंजित नहीं कर पाना
B) क्षण भर के लिए दृष्टि पटल का असंवेदनशील हो जाना
C) परितारिका (iris) द्वारा पुतली को तुरंत ने फैला पाना
D) लेंस व दृष्टि-पटल के अन्तराल को समंजित होने में देरी
Answer : C
जब कोई व्यक्ति बाहर तेज प्रकाश से एक अंधेरे कमरे में प्रवेश करता है तो कुछ देर तक वह स्पष्ट देख पाने में समर्थ नहीं होता। इसका कारण है -
A) नेत्र का शीघ्र ही स्थिति अनुरुप समंजित नहीं कर पाना
B) क्षण भर के लिए दृष्टि पटल का असंवेदनशील हो जाना
C) परितारिका (iris) द्वारा पुतली को तुरंत ने फैला पाना
D) लेंस व दृष्टि-पटल के अन्तराल को समंजित होने में देरी
Answer : C
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फ्यूज के बार-बार फुंक जाने पर इसे -
A) पतले फ्यूज तार से बदल देना चाहिए
B) मोटे तांबे के तार से बदल देना चाहिए
C) कागज की क्लिप से बदल देना चाहिए
D) बिजली के मिस्त्री को बुला कर ठीक करना चाहिए
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नाभिकीय रिऐक्टर में विमन्दक का कार्य -
A) द्वितीयक (secondary) न्यूट्रॉनों की संख्या को विमन्दित करना है
B) द्वितीयक न्यूट्रॉनों को धीमा करना है
C) विखंडनीय नाभिकों की संख्या में वृद्धि करना है
D) विखंडन अभिक्रिया का नियंत्रण करना है
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एक छड़ चुम्बक के सिरे पर चिपक कर लटके दो इस्पात आलपिन ऊर्ध्वाधर (एक सीध में) नहीं लटक पाते क्योंकि
A) पिनों के शीर्ष ठीक प्रकार से गोल नहीं बने होते
B) पिनों के शीर्ष गोलाकार होते हैं
C) समान ध्रुव एक दूसरे के प्रतिकर्षित होते हैं
D) पिन चुम्बकीय पदार्थ के बने होते हैं
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बदं कमरे की खिड़की में एक छोटा छिद्र कमरे से बाहर की वस्तुओं का कमरे की सामने की दीवार पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनाता है, इसका कारण-
A) प्रकाश की किरण का छिद्र में प्रवेश के पश्चात् पार्श्व परिवर्तन हो जाता है
B) प्रकाश का ऋतुरेखीय संचरण (rectilinear propagation)
C) छिद्र का उत्तल लेंस (convex lens) के रुप में कार्य करना
D) छिद्र का प्रिज्म के रुप में कार्य करना
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किसी पिंड का वेग दो गुना होने पर, उसकी गतिज – ऊर्जा-
A) दुगुनी हो जाएगी
B) आधी रह जाएगी
C) चार गुना हो जाएगी
D) एक- चौथाई रह जाएगी