Question :

‘द्वार-द्वार भटकना’ में प्रयुक्त द्विरुक्ति ‘द्वार-द्वार’ है-


A) पारस्परिक सम्बन्ध बताने के अर्थ में
B) अतिशयता प्रकट करने के अर्थ में
C) भेद बताने के अर्थ में
D) समग्रता प्रकट करने के अर्थ में

Answer : D

Description :


‘द्वार-द्वार’ संज्ञा शब्द की द्विरुक्ति है। द्विरुक्ति का अर्थ है- दुहराना अर्थात् एक उक्ति को दो बार उच्चरित करना। इसकी रचना सार्थक शब्दों की आवृत्ति से होती है। प्रस्तुत वाक्य में ‘द्वार-द्वार’ द्विरुक्ति का प्रयोग ‘समग्रता प्रकट करने के अर्थ में’ हुआ है।


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‘द्वार-द्वार भटकना’ में प्रयुक्त द्विरुक्ति ‘द्वार-द्वार’ है-


A) पारस्परिक सम्बन्ध बताने के अर्थ में
B) अतिशयता प्रकट करने के अर्थ में
C) भेद बताने के अर्थ में
D) समग्रता प्रकट करने के अर्थ में

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नीचे लिखे वाक्य के खाली स्थान को भाववाचक संज्ञा से पूरा कीजिए।

 

उसका सारा सौंदर्य उसकी ______________ में है।


A) आँखों
B) बालों
C) हँसी
D) मुखमंडल

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अचूक विशेषण के साथ उपयुक्त संज्ञा है-


A) चोट
B) नेत्र
C) निशाना
D) जवाब

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निम्नलिखित में से क्या व्यक्तिवाचक संज्ञा नहीं है?


A) कौआ
B) होली
C) हिमालय
D) पूर्व

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बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोले बोल।

रहिमन हीरा कब कहै, लाख टके का मोल।।

 

रहीम द्वारा लिखित इन पंक्तियों में, ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग जिस रुप में हुआ है, वह है-


A) विशेषण
B) संज्ञा
C) सर्वनाम
D) क्रिया-विशेषण

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