Question :
A) पारस्परिक सम्बन्ध बताने के अर्थ में
B) अतिशयता प्रकट करने के अर्थ में
C) भेद बताने के अर्थ में
D) समग्रता प्रकट करने के अर्थ में
Answer : D
‘द्वार-द्वार भटकना’ में प्रयुक्त द्विरुक्ति ‘द्वार-द्वार’ है-
A) पारस्परिक सम्बन्ध बताने के अर्थ में
B) अतिशयता प्रकट करने के अर्थ में
C) भेद बताने के अर्थ में
D) समग्रता प्रकट करने के अर्थ में
Answer : D
Description :
‘द्वार-द्वार’ संज्ञा शब्द की द्विरुक्ति है। द्विरुक्ति का अर्थ है- दुहराना अर्थात् एक उक्ति को दो बार उच्चरित करना। इसकी रचना सार्थक शब्दों की आवृत्ति से होती है। प्रस्तुत वाक्य में ‘द्वार-द्वार’ द्विरुक्ति का प्रयोग ‘समग्रता प्रकट करने के अर्थ में’ हुआ है।
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बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोले बोल।
रहिमन हीरा कब कहै, लाख टके का मोल।।
रहीम द्वारा लिखित इन पंक्तियों में, ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग जिस रुप में हुआ है, वह है-
A) विशेषण
B) संज्ञा
C) सर्वनाम
D) क्रिया-विशेषण
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निम्नलिखित विशेषणों में से संज्ञा को पहचानिए।
A) आसमानी
B) नियमित
C) पाश्चात्य
D) अनुशासन
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‘भाववाचक संज्ञा’ के अन्तर्गत आते हैं-
A) पशु-पक्षी आदि
B) गुण-दोष आदि
C) दिशाएँ आदि
D) आभूषण आदि