Question :

अनेकार्थक शब्द के रुप में ‘गुरु’ का कौन-सा अर्थ अनुपयुक्त है?


A) पचाने में कठिन
B) शिक्षक
C) भारी
D) एक नक्षत्र

Answer : D

Description :


अनेकार्थक शब्द के रुप में ‘गुरु’ का दिये गये शब्दों में ‘एक नक्षत्र’ अनुपयुक्त अर्थ है। गुरु या बृहस्पति एक ग्रह का भी नाम है, परन्तु वह नक्षत्र नहीं है। शेष पचाने में कठिन, शिक्षक एवं भारी अनेकार्थी शब्द ‘गुरु’ के अर्थ हैं।


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निम्नलिखित विकल्पों में से ‘मत्सर’ शब्द का अनेकार्थी रुप नहीं है-


A) क्रोध
B) राग
C) द्वेष
D) ईर्ष्या

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निर्देश : इन प्रश्नों में प्रत्येक में चार शब्द दिये गये हैं। जिनमें से तीन अनेकार्थक शब्द की श्रेणी में आते हैं। जो शब्द इस श्रेणी में नहीं आता है, यही आपका उत्तर है।


A) तात
B) पूज्य
C) पिता
D) मोती

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‘ माथा ठनकना ’ का अर्थ है-


A) उदास होना
B) नुकसान होना
C) सिरदर्द होना
D) शक हो जाना

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निर्देश : दिए गए शब्द के अर्थ को व्यक्त करने वाले सही विकल्प का चयन कीजिए।

 

शबनम


A) शीत
B) ओस
C) पाला
D) कोहरा

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‘अचल’ शब्द का अर्थ है ‘स्थिर’ और दूसरा अर्थ है-


A) चलायमान
B) निश्चल
C) स्थविर
D) गतिमान

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