Question :

सूर्य से ऊर्जा उत्सर्जित होती है-


A) नाभिकीय संलयन से
B) नाभिकीय विखण्डन से
C) रासायनिक अभिक्रिया से
D) कोयला जलने से

Answer : A

Description :


नाभिकीय संलयन से सूर्य से ऊर्जा उत्सर्जित होती है।

 

जब दो हल्के नाभिक आपस में जुड़कर एक भारी नाभिक बनाता है तो इस अभिक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है जो नाभिकीय संलयन कहलाता है।

 

सूर्य में हाइड्रोजन के नाभिक आपस में जुड़कर हीलियम के नाभिक में पारिर्वतित होते हैं तथा बड़े पैमाने पर ऊर्जा मुक्त होती है।

 

बड़े नाभिक टूटकर जब दो हल्के नाभिक में परिर्वतित होते हैं, जिसके फलस्वरुप बड़े पैमाने पर ऊर्जा मुक्त होती है ऐसी क्रिया को नाभिकीय विखण्डन कहते है। नाभिकीय विखण्डन की क्रिया मंद गति वाले न्यूट्रॉन से करायी जाती है।


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बॉयल-नियम निम्नलिखित स्थिति में लागू होता है-


A) नियत दाब
B) नियत तापमान
C) नियत दाब और तापमान
D) नियत दाब, लेकिन परिवर्ती तापमान

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नदियों का जल वर्षो के जल से कठोर होता है क्योंकि -


A) यह हमेशा बहता रहता है
B) यह वायुमंडल में खुला रहता है
C) इनमें कैल्सियम और मैग्नीशियम के लवण होते हैं
D) इसमें सोडियम क्लोराइड होता है

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अपमार्जन द्वारा कठोर जल के साथ झाग उत्पन्न करने का क्या कारण है ?


A) वे कठोर जल में घुलनशील होते हैं।
B) वे रंगहीन पदार्थ होते हैं।
C) सल्फोनिक अम्ल के कैल्सियम तथा मैग्नीशियम लवण जल में घुलनशील होते हैं।
D) वे कठोर जल के साथ सोडियम कार्बोनेट बनाते हैं।

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‘तिर्यक्बद्ध बहुलक’ (cross linked polymer) का उदाहरण है-


A) पॉलिथीन
B) नायलॉन
C) बैकेलाइट
D) पी.वी.सी.

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एक गैस वायुमंडलीय दाब पर 1 लीटर से बढ़कर 3 लीटर हो जाती है। गैस द्वारा किया गया कार्य लगभग होता है-


A) 2 × 105J
B) 2 J
C) 200 J
D) 300 J

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