Question :

सूर्य से ऊर्जा उत्सर्जित होती है-


A) नाभिकीय संलयन से
B) नाभिकीय विखण्डन से
C) रासायनिक अभिक्रिया से
D) कोयला जलने से

Answer : A

Description :


नाभिकीय संलयन से सूर्य से ऊर्जा उत्सर्जित होती है।

 

जब दो हल्के नाभिक आपस में जुड़कर एक भारी नाभिक बनाता है तो इस अभिक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है जो नाभिकीय संलयन कहलाता है।

 

सूर्य में हाइड्रोजन के नाभिक आपस में जुड़कर हीलियम के नाभिक में पारिर्वतित होते हैं तथा बड़े पैमाने पर ऊर्जा मुक्त होती है।

 

बड़े नाभिक टूटकर जब दो हल्के नाभिक में परिर्वतित होते हैं, जिसके फलस्वरुप बड़े पैमाने पर ऊर्जा मुक्त होती है ऐसी क्रिया को नाभिकीय विखण्डन कहते है। नाभिकीय विखण्डन की क्रिया मंद गति वाले न्यूट्रॉन से करायी जाती है।


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‘कार्बन डाइऑक्साइड चक्र’ का अर्थ है-


A) कार्बन डाइऑक्साइड वायु में चक्र में घूमता है
B) कार्बन डाइऑक्साइड की संरचना चक्रीय है
C) कार्बन डाइऑक्साइड ऑक्सीजन का अपभोग करती है
D) मनुष्यों की श्वसन क्रिया से ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित होती है तत्पश्चात हरे पेड़-पौधों के द्वारा ऑक्सीजन तथा कार्बन में परिवर्तित होती है

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आग बुझाने वाली गैस है-


A) निओन
B) नाइट्रोजन
C) कार्बन डाइऑक्साइड
D) कार्बन मोनोऑक्साइड

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नील का प्रयोग निम्नलिखित में होता है-


A) सुगंधशाला (perfumery) उद्योग में
B) औषधि उद्योग में
C) रंगाई (रंजक) उद्योग में
D) खाद्य उद्योग में

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अपमार्जक बनाने के लिए आमतौर से प्रयोग किया जाने वाला ऐल्कोहॉल है-


A) एथेनॉल
B) लॉरिल ऐल्कोहॉल
C) मेथिल ऐल्कोहॉल
D) डीकैनॉल

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मैग्नीशिया मुख्य उपयोग है-


A) मृदुविरेचक (mild laxative)
B) प्रतिरोधी
C) प्रतिजैविक
D) पीड़ाहारी

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