Question :

अति मलीन वृषभानुकुमारी।

अधोमुख रहति, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी।

छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानों, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी।।

 

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?


A) अनुप्रास
B) उत्प्रेक्षा
C) रुपक
D) उपमा

Answer : D

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कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है -


A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना

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तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए में कौन-सा अलंकार है ?


A) अनुप्रास
B) यमक
C) उत्प्रेक्षा
D) उपमा

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जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि का अर्थ है -


A) कवि के लिए कहीं भी अगम्य नहीं
B) कवि निरकुंश होता है
C) कवि कल्पनाशील होता है
D) कवि भावप्रवण होता है

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छलिया, पठनीय व कहानी में कौन-सा प्रत्यय निहित है ?


A) इत, ल आवट
B) इला, वाला, ईला
C) ईला, वाला, इक
D) इया, ईय, आनी

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‘चूरन’ शब्द का तत्सम रुप है -


A) चौर
B) चूर्ण
C) चर्म
D) चक्षु

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