निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) वैसे देखा जाए तो
(य) प्रकृति स्वयं उस शक्ति का निर्माण करती है, जो
(र) नाना प्रकार के दाहक और पाचक रसों के रुप में
(ल) उदर के भीतर कोई अग्नि की ज्वाला नहीं है, किन्तु
(व) नाना भाँति के खाद्य पदार्थो अर्थात् भोज्य को
(6) पचा सकती है।
A) ल य र व
B) य र व ल
C) ल र य व
D) र य व ल
Answer : A
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चर्मकार, प्रभाकर में कौन-सा प्रत्यय निहित है ?
A) कार, कर
B) इया, ईय
C) वान, आड़ी
D) त्व, तर
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सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
A) बरवै
B) सोरठा
C) दोहा
D) चौपाई
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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) मेरा विश्वास है कि
(य) जिस चीज में मनुष्य के प्यारे हाथ लगते हैं
(र) और मन की पवित्रता
(ल) उसमें उसके ह्रदय का प्रेम
(व) सूक्ष्य रुप में मिल जाती है
(6) उसमें मुर्दे को जिन्दा करने की शक्ति आ जाती है।
A) य ल र व
B) र व ल य
C) ल व य र
D) व र य ल