Question :

पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?


A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली

Answer : B

Description :


शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।


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बिहार में मौर्यकालीन अभिलेख कहाँ से मिले हैं?


A) लौरिया अरेराज (चंपारण)
B) लौरिया नंदनगढ़ (चंपारण)
C) रामपुरवा (चंपारण)
D) उपर्युक्त सभी

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कुँवर सिंह ने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किस प्रांत से किया?


A) पंजाब
B) बंगाल
C) बिहार
D) महाराष्ट्र

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गया शहर में पर्यटकों को क्या देखने गोग्य है?


A) अक्षयवट वृक्ष
B) ब्रह्मयोनि पहाड़ी
C) सूर्य मंदिर
D) उपर्युक्त सभी

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बिहार में चावल उत्पादक प्रमुख जिला नहीं है-


A) पटना
B) गया
C) मुजफ्फरपुर
D) कैमूर

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साइमन कमीशन के पटना आने से कुछ दिन पूर्व 6 दिसम्बर, 1928 को बिहार प्रांतीय सम्मेलन पटना में हुआ। इसकी अध्यक्षता किसने की थी:


A) श्री अनुग्रह नारायण सिंह
B) जगत नारायण लाल
C) मजहरुल हक
D) ब्रजकिशोर प्रसाद

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