पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?
A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली
Answer : B
Description :
शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।
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नहरों द्वारा सबसे अधिक सिंचाई बिहार प्रदेश में किस क्षेत्र में होती है?
A) भोजपुर
B) औरंगाबाद
C) रोहतास
D) दरभंगा
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निम्नलिखित में से किसके द्वारा सन् 1906 में पृथक् बिहार की माँग के समर्थन में एक पुस्तिका प्रस्तुत की गई थी?
A) सच्चिदानन्द सिन्हा
B) महेश नारायण
C) राजेन्द्र प्रसाद
D) '1' और '2' दोनों
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बिहार में आदिमानव के उपस्थिति के आरंभिक साक्ष्य किस युग के हैं?
A) पूर्व प्रस्तर
B) मध्य प्रस्तर
C) नव प्रस्तर
D) हड़प्पा
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बिहार के किस भाग में उर्वरक भूमि का फैलाव है, जो सरयू, गंडक एवं गंगा नदियों के बहाव के कारण है?
A) दक्षिणी
B) उत्तरी
C) पूर्वी
D) पश्चिमी