Question :

पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?


A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली

Answer : B

Description :


शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।


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गुरु गोविन्द सिंह से सम्बद्ध महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल तख्त श्री हरमन्दिर जी अब कहाँ स्थित है?


A) अमृतसर में
B) पटना में
C) नांदेड़ में
D) लाहौर में

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पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?


A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली

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भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उत्तरी बिहार नेपाल की सीमा पर किसने छापामार संघर्ष का नेतृत्व किया था?


A) जगत नारायण
B) सुभाषचन्द्र बोस
C) ध्रुव कुमार
D) जय प्रकाश नारायण

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किस शासक के युद्धास्त्रों में 'शिलाकण्टक' व 'रथ मसूल' जैसे नवीन शस्त्रों की खोज की थी ?


A) स्कन्दगुप्त
B) चन्द्रगुप्त मौर्य
C) अशोक
D) अजातशत्रु

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बिहार में भाबर (भांगर) मिट्टी के मैदान क्षेत्र है-


A) सीवान के पूर्वी भाग
B) पूर्णिया के पश्चिमी भाग
C) किशनगंज के समीप
D) चम्पारण के उत्तरी-पश्चिमी भाग

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