पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?
A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली
Answer : B
Description :
शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।
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मौर्यकाल में पाटलिपुत्र का प्रशासन तीस नागरिकों की सभा संचालित करती थी जो पांच-पांच सदस्यों की छ: समितियों में संगठित थी। यह कथन किसका है?
A) चाणक्य का
B) डिमाक्लिसस का
C) मेगास्थनीज का
D) फाहियान का
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बिहार में किस स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1922 का अधिवेशन था?
A) हरिपुरा
B) पटना
C) गया
D) रामगढ़
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किस स्तंभ में अशोक ने स्वयं को मगध का सम्राट बताया है ?
A) गुजर्रा का लघुस्तंभ
B) रुम्मिनदेई स्तंभ
C) प्रयाग स्तंभ
D) भाबु स्तंभ
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राजगीर में रोपवे का निर्माण किस देश की सरकार के सहयोग से किया गया है?
A) चीन
B) जापान
C) श्रीलंका
D) इंडोनेशिया
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मगध के परवर्ती गुप्त शासकों का सही क्रम है-
A) जीवितगुप्त, हर्षगुप्त, आदित्य सेन, दामोदरगुप्त, महासेनगुप्त, माधवगुप्त, कुमारगुप्त
B) हर्षगुप्त, जीवितगुप्त, कुमारगुप्त, दामोदरगुप्त, महासेन गुप्त, देवगुप्त, माधवगुप्त, आदित्य सेन
C) महासेनगुप्त, देवगुप्त, आदित्य सेन, दामोदर गुप्त, माधवगुप्त, हर्षगुप्त, जीवितगुप्त, कुमार गुप्त
D) दामोदरगुप्त, हर्षगुप्त, आदित्य सेन, जीवितगुप्त, महासेन गुप्त, देवगुप्त, माधवगुप्त