पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?
A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली
Answer : B
Description :
शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।
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बिहार से प्राप्त मौर्य अभिलेखों की लिपि कौन-सी है?
A) खरोष्ठी
B) अरमाइक
C) ब्राह्मी
D) उपर्युक्त में कोई नहीं
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पटना में 1913 में अनुशीलन समिति की एक शाखा की स्थापना किसने की?
A) रेवती नाग
B) यदुनाथ सरकार
C) सचीन्द्रनाथ सान्याल
D) मजरूल हक
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दशेर कथा, जो क्रांतिकारी पुस्तक थी, के लेखक कौन थे?
A) फणीश्वर नाथ रेणू
B) रामधारी सिंह दिनकर
C) नागार्जुन
D) सखा गणेश देवस्कर
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नालंदा में स्थित बड़ागांव (नालंदा महाविहार) का पता किसने लगाया?
A) स्मिथ
B) कनिंघम
C) ह्रीलर
D) मैकेंजी
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घाघरा नदी नेपाल से निकलकर बिहार के किस जिले में प्रवेश करती है?
A) सारण
B) भोजपुर
C) गोपालगंज
D) पश्चिमी चम्पारण