पश्चिम चम्पारण जिला के शिवालिक पहाड़ी में इनमें किस चट्टान की प्रधानता है?
A) आग्नेय
B) परतदार
C) रुपान्तरित
D) पाताली
Answer : B
Description :
शिवालिक पर्वतश्रेणी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का निचला भाग है, जो बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पश्चिमी चम्पारण जिला के उत्तरी भाग में स्थित है। शिवालिक श्रेणी का दक्षिणी भाग ‘रामनगर दून’ के नाम से जाना जाता है। हरदा घाटी रामनगर दून के उत्तर-पूर्व की ओर से शुरु होती है। इसे दून घाटी भी कहा जाता है। सोमेश्वर श्रेणी बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है। शिवालिक श्रेणी टरशियरी युग की परतदार चट्टानों से निर्मित है, जिसमें बालू-पत्थर की प्रधानता है। इसके धरातल का निर्माण बालू-मिट्टी तथा बंजरी से हुआ है। ये चट्टाने अपेक्षाकृत मुलायम हैं और आच्छादन की क्रिया से अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके फलस्वरुप यह क्षेत्र काफी ऊबड़-खाबड़ हो गया है और सारा क्षेत्र घाटियों और कटकों से परिणत हो गया है।
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पृथक बिहार प्रांत के गठन की माँग प्रस्तुत करने में मुख्य योगदान किया था-
A) महेश नारायण ने
B) डा. सच्चिदानन्द सिन्हा ने
C) डा. राजेन्द्र प्रसाद ने
D) उपर्युक्त सभी
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बिहार राज्य में नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत स्थापित नई औद्योगिक प्रतिष्ठान को कितने वर्षो के लिए विद्युत शुल्क में छूट दी गई थी?
A) चार वर्ष
B) पाँच वर्ष
C) छः वर्ष
D) सात वर्ष
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केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित प्राथमिक शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए शुरु की गई “मध्याह्न भोजन योजना” का उद्देश्य है-
A) बच्चो में पोषण
B) शैक्षिक प्रगति
C) सामाजिक समता तथा स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
D) ये सभी
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बिहार के लिए गठित 'आजाद परिषद्' के संयोजक कौन थे?
A) सूरज नारायण सिंह
B) जय प्रकाश नारायण
C) सियाराम सिंह
D) राम मनोहर लोहिया
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सिंचाई का सर्वाधिक प्रयोग किए जाने वाला साधन बिहार में कौन-सा नहीं है?
A) नहर
B) नलकूप
C) तालाब
D) झरना