पटना के वहाबियों की शक्ति कब समाप्त हो गई थी?
A) 1860-61 तक
B) 1864-65 तक
C) 1870-71 तक
D) 1880-81 तक
Answer : C
Description :
पटना के वहाबियों की शक्ति 1870-71 तक समाप्त हो गई। पटना में 1865 ई. में मुकद्मा चला वहाँ और भी वहाबी गिरफ्तार हुए। बहावियों के खिलाफ दोबारा मुकद्दमा 1871 ई. में शुरू हुआ। इसमें तबारक अली, पीर मुहम्मद, दीन मुहम्मद, अमीरद्दीन, आमिर खान, हस्मत दाद खान एवं मुबारक खान पर मुकद्मा चलाया गया एवं इन लोगों पर बहावियों को वित्तीय मदद देने एवं अन्य सहयोग देने का आरोप लगाया गया। इनमें से एमा हस्मतदाद खान के अतिरिक्त अन्य सभी को काले पानी की सजा हुई। इस मुकद्दे के साथ ही वहाबियों पर सरकार द्वारा चलाई जा रही कार्यवाहियों का अंत हो गया। साथ ही वहाबी आंदोलन भी लगभग दब गया। हालांकि इसकी ज्वालाएं समय-समय पर भड़कती रहीं।
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प्रथम जैन संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में हुआ था, जिसमें कौन से कार्य हुए थे?
A) जैन धर्म ग्रंथों का अंतिम रुप में संकलित कर लिपिबद्ध किया गया।
B) जैन धर्म के महत्वपूर्ण 12 अंगों काप्रणयन किया गया एवं जैन धर्म के दो भागों-श्वेताम्बर एवं दिगम्बर में विभाजन हुआ।
C) उपर्युक्त (1) और (2) दोनों
D) इनमें से कोई नहीं
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मुगल शासक जहाँगीर ने 1621 में किसे बिहार का प्रांतपति नियुक्त किया था ?
A) राजकुमार अजीम को
B) राजकुमार परवेज को
C) राजकुमार अजमिशुशान को
D) राजकुमार र्खुरम को
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बिहार के चिनबेरिया गाँव को किस देश की सरकार ने एक आदर्श गांव बनाने के लिए चुना है?
A) जापान
B) अमेरिका
C) दक्षिण कोरिया
D) उत्तर कोरिया
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नालंदा के सराय टीला में उत्खनन से क्या प्राप्त हुआ है?
A) मौर्ययुग का बौद्ध विहार
B) गुप्तकाल का मंदिर
C) पालकाल का बौद्ध विहार
D) शुंग वंश का बौद्ध विहार
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प्रथम जैन संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में हुआ था, जिसमें कौन-से कार्य हुए?
A) जैन धर्म ग्रंथों को अंतिम रुप से संकलित कर लिपिबद्ध किया गया।
B) जैन धर्म के महत्वपूर्ण 12 अंगों का प्रणयन किया गया एवं जैन धर्म के दो भागों-श्वेताम्बर एवं दिगम्बर में विभाजन हुआ।
C) केवल (1)
D) उपर्युक्त में कोई नहीं