Question :
A) दया धर्म का मूल है
B) पाप मूल अभिमान
C) दया स्वयं भगवान है इसको मन में जान।
D) कोई त्रुटि नहीं।
Answer : D
निर्देश (प्रश्न सं. 144 से 146 तक) : नीचे दिए गए वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ है और कुछ ठीक हैं। वाक्य के जिस भाग में त्रुटियाँ हों, उसके अनुरुप अक्षर (A), (B), (C) वाले अण्डाकार खाने को काला करें। यदि वाक्य में कोई त्रुटि न हों, तो (D) वाले अंण्डाकार खाने को पूरी तरह काला करें।
A) दया धर्म का मूल है
B) पाप मूल अभिमान
C) दया स्वयं भगवान है इसको मन में जान।
D) कोई त्रुटि नहीं।
Answer : D
Description :
प्रश्न में दिये गये सभी विकल्प त्रुटिरहित हैं। दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान । दया स्वयं भगवान है, इसको मन में जान।
Related Questions - 1
निम्नलिखित वाक्यों में से शुद्ध वाक्य को पहचानिए।
A) राधा घर नहीं है।
B) राम पाठशाला बैठा है।
C) आप अवश्य सुने होंगे।
D) मैंने एक नाटक का अनुवाद किया।
Related Questions - 2
निम्नलिखित वाक्य के किसी एक खण्ड में अशुद्धि है। पहचान कर उपयुक्त विकल्प को चिन्हित कीजिए।
बत्तख को अंडा देना होता तो पानी छोड़कर जमीन पर आ जाता।
A B C D
A) A
B) B
C) C
D) D
Related Questions - 3
शुद्ध वाक्य है-
A) दरअसल में वह उससे प्रेम करता है
B) डाकू के पैरों में हथकड़ियाँ हैं।
C) यह ऐतिहासिक घटना है
D) आपका भवदीय
Related Questions - 4
कौन-सा वाक्य शुद्ध है?
A) ‘रामचरितमानस’ एक धार्मिक ग्रन्थ है।
B) ‘रामचरित मानस’ एक धार्मिक ग्रन्थ है।
C) ‘राम चरति मानस’ एक धार्मिक ग्रन्थ है।
D) रामचरित मानस एक धार्मिक ग्रन्थ है।
Related Questions - 5
शुद्ध वाक्य का चयन करें।
A) इस ग्रंथ का निर्माण तुलसीदास ने किया।
B) समाज की वर्तमान दशा चिंताजनक है।
C) मैंने तरह-तरह के रेशम के कपड़े पसंद किए।
D) तुम्हारी दृष्टि तुम्हारी पुस्तक पर होनी चाहिए।