Question :

क्रिया के मूल रुप को क्या कहते हैं?


A) पद
B) रुप
C) धातु
D) शब्द

Answer : C

Description :


क्रिया के मूल रुप को धातु कहते हैं। हिन्दी की अधिकांश क्रियाएँ धातु से बनती है। धातु में ‘ना’ जोड़ने से क्रिया का सामान्य रुप बनता है, जैसे – पढ़ (धातु) + न = पढ़ना।


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निम्नलिखित वाक्यों में से एक में संयुक्त क्रिया का प्रयोग नहीं हुआ है-


A) मेरे हाथ में गिलास गिरा और टूट गया।
B) मैं अपने घर में रहूँगा।
C) स्वस्थ होना है, तो तुमकों दवा पीनी पड़ेगी।
D) लड़का प्रसन्न होकर चलता बना।

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“अब पढ़कर क्या होगा” इस वाक्य में कौन-सी क्रिया है?


A) प्रेरणार्थक क्रिया
B) संयुक्त क्रिया
C) पूर्वकालिक क्रिया
D) द्विकर्मक क्रिया

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“माँ ने पिताजी से सामान मँगवाया।” यहाँ क्रिया का कौन-सा रुप है?


A) अकर्मक क्रिया
B) आज्ञार्थक क्रिया
C) द्विकर्मक क्रिया
D) प्रेरणार्थक क्रिया

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‘मीरा जोर से हँसी।’ यह वाक्य किस क्रिया का समुचित उदाहरण है?


A) अकर्मक
B) प्रेरणार्थक
C) द्विकर्मक
D) सकर्मक

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हथियाना, चिकनाना किस प्रकार की क्रिया है?


A) नामधातु क्रिया
B) प्रेरणार्थक क्रिया
C) यौगिक क्रिया
D) संयुक्त क्रिया

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