Question :

क्रिया के मूल रुप को क्या कहते हैं?


A) पद
B) रुप
C) धातु
D) शब्द

Answer : C

Description :


क्रिया के मूल रुप को धातु कहते हैं। हिन्दी की अधिकांश क्रियाएँ धातु से बनती है। धातु में ‘ना’ जोड़ने से क्रिया का सामान्य रुप बनता है, जैसे – पढ़ (धातु) + न = पढ़ना।


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निम्न में प्रेरणार्थक क्रिया है-


A) चलना
B) जगाना
C) पढ़ना
D) बदलना

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निम्नलिखित में से सकर्मक क्रिया का वाक्य है-


A) मंदाकिनी सोती है।
B) बालिका निबंध लिख रही है।
C) पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
D) बालक खिलौना पर हँसता है।

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‘उठाना’ क्रिया का अकर्मक रुप है-


A) उठवाया
B) उठाएगा
C) उठाया
D) उठना

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“कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लजियात।

भरे भौन मैं करत हैं, नैनन ही सो बात”

 

उपर्युक्त दोहे में प्रयुक्त मुख्य क्रियापदों की संख्या है-


A) एक
B) दो
C) सात
D) आठ

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क्रिया की व्युत्पत्ति होती है-


A) धातु से
B) संज्ञा से
C) सर्वनाम से
D) विशेषण से

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