Question :
A) कर्ता - विस्तार
B) कर्ता - पूरक
C) कर्ता - विधेय
D) विधेय - पूरक
Answer : A
उद्देश्य में कर्ता के साथ और क्या रहता है?
A) कर्ता - विस्तार
B) कर्ता - पूरक
C) कर्ता - विधेय
D) विधेय - पूरक
Answer : A
Description :
उद्देश्य में कर्ता के साथ कर्ता-विस्तार रहता है, जैसे- ‘परिश्रम करने वाला व्यक्ति सदा सफल होता है’। इस वाक्य में कर्ता का विस्तार ‘परिश्रम करने वाला’ है।
विधेय – वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं,
जैसे - राहुल खेलता है।
↓ ↓
उद्देश्य विधेय
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क्रिया का आधार सूचित करने वाला कारक है-
A) अपादान कारक
B) सम्बन्ध कारक
C) अधिकरण कारक
D) सम्प्रदान कारक
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कारकों को विभक्तियो के साध जोड़िए-
अ | ब |
1. कर्ता | (अ) में |
2. कर्म | (आ) से |
3. करण | (इ) ने |
4. अधिकरण | (ई) को |
A) (1)-आ, (2)-इ, (3)-अ, (4)-ई
B) (1)-अ, (2)-इ, (3)-ई, (4)-आ
C) (1)-ई, (2)-अ, (3)-आ, (4)-इ
D) (1)-इ, (2)-ई, (3)-आ, (4)-अ
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‘राजा सेवक को कम्बल देता है।’, वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है?
A) सम्प्रदान कारक
B) कर्त्ता कारक
C) कर्म कारक
D) सम्बन्ध कारक
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‘पेड़ पर पक्षी बैठे हैं।’ इस वाक्य में ‘पेड पर’ पद में कौन-सा कारक हैं?
A) करण
B) अपादान
C) सम्बन्ध
D) अधिकरण